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JPSC प्रारंभिक परीक्षा में गड़बड़ी के विरुद्ध अभ्यर्थियों का आमरण अनशन, JSSU करेगा अगुवाई

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द फॉलोअप टीम, रांची: 

7वीं से 10वीं जेपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में गड़बड़ी के खिलाफ झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन ने आमरण अनशन करने का ऐलान किया है। जेपीएससी अभ्यर्थियों ने कहा कि वे जेपीएससी में भ्रष्टाचार के खिलाफ आयोग कार्यालय के सामने 13 दिसंबर को आमरण अनशन करेंगे। 

जेपीएससी की सभी परीक्षायें रही विवादित
झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन के सफी इमाम ने कहा कि झारखंड लोक सेवा आयोग का गठन 2002 ई. को राज्य में अधिकारी की चयन हेतु परीक्षा आयोजित करने के लिए किया गया था। इस संवैधानिक संस्था ने जितनी भी परीक्षा आयोजित की लगभग सभी परीक्षाओं में गड़बड़ी व भ्रष्टाचार की खबरें सामने आया। पहली व दूसरी सिविल सेवा परीक्षा समेत लगभग 18 परीक्षाओं की पिछले 10 वर्ष से सीबीआई जांच चल रही है। सभी में नेताओं व मंत्रियों के भाई-भतीजे की चयन की खबरें सामने आई है। 

बीते 20 वर्षों में महज छह परीक्षायें आयोजित हुईं
सफी इमाम ने कहा कि आयोग के अध्यक्ष भी जेल जाकर निकल चुके हैं। कुछ दिन पहले सदस्य राधा गोबिंद नागेश की गिरफ्तारी हुई है। सबसे दुर्भाग्य की बात है पिछले 20 वर्ष में मात्र 6 परीक्षा अभी तक आयोजित हो सकी है और सभी के सभी विवादित। इस बीच सभी राजनीतिक दलों ने आयोग के माध्यम से बार-बार राज्य के होनहार युवाओं के भविष्य को कुचला गया है। 

पैरवी पुत्रों को अंक बढ़ाकर बनाया अधिकारी
झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन ने कहा कि आयोग द्वारा प्रत्येक परीक्षा में अलग- अलग ढंग से भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है। पहली व दूसरी परीक्षा में कम अंक वाले पैरवी पुत्रों के अंक बढ़ा कर अधिकारी बनाया गया। गाय पर निबंध लिखने वाले को डेप्यूटी कलेक्टर बनाया गया। 300 ऐसे लोगों को अधिकारी बनाया गया जो प्रारंभिक परीक्षा भी सफल न थे। चौथी राज्य सिविल सेवा परीक्षा में विज्ञप्ति के विरुद्ध स्केलिंग करके भ्रष्टाचार किया गया। पाँचवी परीक्षा में आरक्षण का पालन नहीं किया गया। 

छठी जेपीएससी में आरक्षण का पालन नहीं किया
गौरतलब है कि छठी परीक्षा में आरक्षण का पालन नहीं किया गया। हर स्तर पर गड़बड़ी व भ्रष्टाचार हुआ और अंत में विज्ञप्ति के विरुद्ध क्वालिफाईग पेपर के अंक को जोड़ कर मैरिट लिस्ट जारी किया गया। वर्तमान सातवीं से दसवीं सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में मनमानी ढंग से 57 अभ्यर्थियों को पास करने का अपराध किया गया। आंदोलन करने पर लाठी चार्ज किया गया। 300 से अधिक छात्रों पर केस दर्ज किया गया है।