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कोर्ट ने बच्चे को किया बरी, कहा- कृष्ण का माखन चुराना बाल-लीला तो मिठाई चुराना चोरी कैसे! 

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द फॉलोअप टीम, नालंदा:

नालंदा जिले के हरनौत थाना इलाके के एक गांव से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। आरा का रहने वाला एक बच्चा अपने ननिहाल आया था। 7 सितंबर को जब उसे भूख लगी तो वह पड़ोस वाली मामी के घर में घुस गया। फ्रिज खोलकर उसमें रखी सारी मिठाई खा ली और फ्रिज के ऊपर रखा मोबाइल लेकर निकल गया। मोबाइल से गेम खेल रहा था, तभी पड़ोस वाली मामी ने उसे पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। इस मामले में एफआईआर भी दर्ज हो गयी। जुवेनाइल कोर्ट ने गुरुवार को बच्चे को बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा, ‘माखन चोरी बाल लीला है तो मिठाई चोरी अपराध कैसे?’

नहीं करना था एफआईआर
सुनवाई में जज ने यह भी कहा कि पुलिस को इस मामले में FIR की बजाय यह केस डेली जनरल डायरी में दर्ज करना चाहिए था। यदि अपराध साधारण प्रकृति का हो और केवल किशोर द्वारा किये जाने की पुष्टि हो तो ऐसे मामले में FIR नहीं होती है। जज ने जिला बाल संरक्षण इकाई को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि किशोर सुरक्षित रहे। किसी बदसलूकी या तंगी के कारण वह फिर से अपराध करने के लिए मजबूर न हो। जुवेनाइल के चीफ मजिस्ट्रेट मानवेंद्र मिश्र ने कहा, ‘हमें बच्चों के मामले में सहिष्णु और सहनशील होना पड़ेगा। उनकी कुछ गलतियों को समझना पड़ेगा कि आखिर बच्चे में भटकाव किन परिस्थितियों में आया। एक बार हम बच्चे की मजबूरी, परिस्थिति, सामाजिक स्थिति को समझ जाएं तो उनके इन छोटे अपराधों पर लगाम लगाने के लिए समाज खुद आगे आने और मदद के लिए तैयार हो जाएगा।’

बेहद गरीब है बच्चा 
बच्चे ने मजिस्ट्रेट को बताया, ‘मेरे पिता की एक्सीडेंट में रीढ़ की हड्‌डी टूट गई। तब से वे बेड पर हैं। मां की दिमागी हालत ठीक नहीं है। परिवार में कोई कमाने वाला नहीं है। पैसों के कारण मां का इलाज नहीं हो पा रहा। नाना और मामा भी मर चुके हैं। नानी भी बूढी हो गई है। मेरे माता-पिता कोर्ट नहीं आ सकते हैं। बच्चे ने कहा मैं आगे ऐसा नहीं करूंगा। चीफ मजिस्ट्रेट ने कहा, ‘हमारी सनातन संस्कृति में भगवान की बाल लीला को दर्शाया गया है। भगवान कृष्ण कई बार दूसरे के घर से माखन चुराकर खा लेते थे और मटकी भी फोड़ देते थे। अगर आज के समाज जैसा तब का समाज होता तो बाल लीला की कथा ही नहीं होती। आदेश में यह भी कहा है कि पड़ोसी को भूख लगी है, बीमार है, लाचार है तो बजाय सरकार को कोसने के पहले हमें अपने सामर्थ्य के अनुसार पहल करनी होगी।’