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सुप्रीम कोर्ट की भी नहीं सुन रही है बीजेपी और त्रिपुरा सरकार, ममता बनर्जी ने बोला हमला

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द फॉलोअप टीम, कोलकाता: 

त्रिपुरा में पुलिस की कथित बर्बरता के खिलाफ गृहमंत्री से मुलाकात की मांग को लेकर टीएमसी सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार सुबह से ही गृहमंत्रालय के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहा है। इस बीच टीएमसी की मुखिया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मैं दिल्ली जा रही हूं। बीएसएफ और प्रदेश में विकास संबंधी कई मुद्दों को लेकर बुधवार को मेरी पीएम से मुलाकात तय है। इस बीच उन्होंने त्रिपुरा का मामला भी उठाया। 

सांसदों के समय नहीं देने का लगाया आरोप
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सुबह से ही गृह मंत्रालय के बाहर धरने पर बैठे सांसदों को अपॉंटमेंट नहीं दिया गया। मैं अपनी एकजुटता व्यक्त करने जा रही हूं। ममता बनर्जी ने कोलकाता में आयोजित एक प्रेस वार्ता में कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के हर फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन ये सरकार सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों को भी नहीं सुन रही है। ये कोर्ट की अवमानना है। प्रशासन, बीजेपी और मुख्यमंत्री सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवहेलना कर रहे हैं। 

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग पर उठाया सवाल
ममता बनर्जी ने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार कहां है। गृह मंत्रालय या अनुच्छेद-355 कहां है। भारत सरकार ने त्रिपुरा को कितने नोटिस भेजे। उनको संविधान की परवाह नहीं है। उनका एकमात्र दायित्व लोगों को धोखा देना है। हालांकि वे हार जायेंगे। ममता बनर्जी के आरोपों पर भारतीय जनता पार्टी की सांसद लोकेट चटर्जी ने पलटवार किया है। 

बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी का पलटवार
बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा कि क्या खेला होबे का मतलब 60 से ज्यादा श्रमिकों की मौत है। 1 लाख से ज्यादा श्रमिकों का पलायन है। क्या इसका मतलब महिलाओं पर सामूहिक बलात्कार और अत्याचार है। यदि बंगाल में खेला होबे की यही परिभाषा है तो हमें त्रिपुरा में खेला होबे का नारा नहीं चाहिए। हम विकास होबे चाहते हैं। 

हिंसा बनाम आदर्श का संघर्ष होगा आगामी चुनाव
लॉकेट चटर्जी ने कहा कि यदि ममता बनर्जी 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष का चेहरा होंगी तो ये हिंसा बनाम आदर्श व्यक्तित्व का संघर्ष होगा। हमारे पीएम एक आदर्श व्यक्तित्व हैं। बंगाल में ममता बनर्जी ने क्या किया, ये सभी जानते हैं। यदि वो दिल्ली आना चाहती हैं तो ये अच्छा है लेकिन हम जानते हैं कि वो बार-बार दिल्ली आती हैं और खाली हाथ लौट जाती हैं।