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देवभूमि बड़कागढ़ और जगन्नाथपुर मंदिर परिसर को अतिक्रमण मुक्त कराने  के लिए होगा आंदोलन

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द फॉलोअप टीम, रांची:
बदकागढ के 32 गांवों के रैयत और एचईसी के विस्थापित प्रतिनिधियों के साथ बडकागढ रैयत जनमंच की बैठक जगन्नाथपुर स्थित देवी घर प्रर्थना भवन में हुई। जिसमें मंच के संरक्षक नवीन नाथ शाहदेव ने कहा कि बड़कागढ क्षेत्र देवभूमि क्षेत्र है। आए दिन लगातार मंदिर परिसर इलाके को अतिक्रमित किया जा रहा है। प्रशासन जगन्नाथपुर, आनी टोला और भूसुर मौजा क्षेत्रों को अतिक्रमण मुक्त करे। अगर ऐसा नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा। बैठक में मोखतार अंसारी, सूरज नाथ शाहदेव, सुरेश सिंह, अनवारूल अंसारी, रामकुमार सिंह, परवेज खान, सत्यप्रकाश प्रजापति, विश्वजीत शहदेव, नीलम चौधरी, जबीउल्लाह अंसारी, अमरदीप कौशल, इन्द्र गोप,  प्रदीप श्रीवास्तव, उमेश प्रसाद साहू,  शकील अहमद, एहतेशाम अंसारी, रीना लोहरा, रामबिहारी साहू भी मौजूद थे।

 

HEC के लिए जमीन देने वालों के साथ धोखा हुआ: कैलाश यादव

बैठक की अध्यक्षता करते हुए जनमंच के अध्यक्ष कैलाश यादव ने कहा कि वर्ष 1958-60 में देश के विकास के लिए प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने एचईसी की स्थापना की। तब शर्त एवं नियमानुसार बड़कागढ के 32 गांव के रैयतों ने लगभग 9200 एकड़ जमीन दी थी। तय हुआ था कि एचईसी इंडस्ट्रीज, टाउनशिप और पानी के लिए डैम का इस्तेमाल करेगी। तमाम रैयतों को जमीन के एवज में नौकरी के साथ मुआवजा दिया जाएगा। अनुपयोगी रिक्त जमीन पुनः रैयतों को वापस कर दी जाएगी। लेकिन जमीन देने वालों के साथ धोखा हुआ।

बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णय
1.संगठन को मजबूत बनाने के लिए 35 गांवो में बैठक कर लोगों जागरूक किया जाएगा।
2. 35 गांव को 4 जोन में बांट कर 8 प्रभारी प्रभारी नियुक्त किया जाएगा।
3. सभी विस्थापित परिवार 4 सप्ताह के अंदर जमीन का विवरण लिस्ट इकट्ठा कर जनमंच के कार्यालय में प्रस्तुत करेंगे।
4. रैयतों के अलावा एचईसी क्षेत्र के सभी आक्रोशित लोगों को एक जुट किया जाएगा।