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त्रिपुरा मामले में इंसाफ़ के लिए राष्ट्रपति से एदारा शरीया ने लगाई गुहार

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द फॉलोअप टीम, रांची:

पूर्वोत्तर के राज्य त्रिपुरा हिंसा मामले में आलिमों ने इंसाफ़ के लिए राष्ट्रपति से गुहार लगाई है। आग्रह किया है कि उन्हें तत्काल मामले में दख़ल देनी चाहिए। त्रिपुरा सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए ताकि शांति बहाल हो सके। उक्त बातें आज मौलाना सैयद शाह अलकमा शिबली की अध्यक्षता में हुई एदार-ए-शरीया झारखंड की बैठक में उजागर हुईं। संचालन नाजिमे आला मौलाना मो. कुतुबुद्दीन रिजवी ने किया। बैठक में शहर के उल्मा, मस्जिद के इमाम, विभिन्न तंजीम के जिम्मेदार और शहर के प्रबुद्ध लोग शामिल हुए।

बैठक में त्रिपुरा में लगातार हो रही हिंसा पर चिंता व्यक्त की गई। असामाजिक तत्व द्वारा पैग़ंबरे इस्लाम के नाम को अपमानित किए जाने, कुरआन की बेहुरमति करने, मस्जिद-मदरसा को जलाने की कड़ी निंदा की गई। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि त्रिपुरा में हिंसा नहीं रुकी तो रांची में विशाल प्रदर्शन किया जाएगा। त्रिपुरा सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए। वीएचपी और बजरंग दल पर पाबंदी लगाते हुए आतंकवादियों के लिस्ट में इस संगठन को शामिल किया जाए। इसलिए अति आवश्यक है  कि राष्ट्रपति हस्तक्षेप करें। 10 नवंबर को राजभवन के समक्ष धरना दिया जाएगा, और राज्यपाल को ज्ञापन दिया जाएगा। साथ ही त्रिपुरा पहुंची एदारा ए शरीया की रिलीफ टीम को सुरक्षा देने की भी मांग सरकार से की गई।

 

मौके पर मौलाना जसीम, मुफ्ती फैजुल्लाह मिस्बाही, अकीलुर्रह्मान, नदीम खान, काजी मसूद फरीदी, मौलाना आफताब जिया, मौलाना फारूक, नवाब चिश्ती, अब्दुल खालिक, फैयाज अहमद, जावेद अहमद, बाबर खान, हाजी अब्दुल रउफ गद्दी, मोहम्मद फारुख, अली अहमद, हाफिज अब्दुल्लाह, हाफिज अब्दुल मुबीन समेत कई लोग उपस्थित थे।