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JPSC प्रारंभिक परीक्षा के दूसरे पेपर में इस गलती की ओर अमित मंडल ने दिलाया ध्यान, कहा- जल्द हो समाधान

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द फॉलोअप टीम, रांची:
झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सातवीं से दसवीं सिविल सेवा परीक्षा को लेकर सवाल खड़ा हो गया है। मंगलवार को झारखंड विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान बीजेपी विधायक अमित मंडल ने कहा कि परीक्षा में प्रारंभिक परीक्षा की मार्किंग स्कीम में काफी त्रुटियां है। अमित मंडल ने ध्यान दिलाया कि पहले प्रारंभिक परीक्षा के पेपर-1 और पेपर-2, दोनों में से प्रत्येक पेपर में 40 फीसदी मार्क्स लाना जरूरी था लेकिन नए नियम के मुताबिक दोनों पेपर मिलाकर 80 फीसदी लाना जरूरी होगा।

प्रारंभिक परीक्षा के दूसरे पेपर में समस्या
अमित मंडल ने कहा कि इसका मतलब ये हुआ कि यदि किसी ने एक पेपर में 70 और दूसरे पेपर में 10 नंबर हासिल किया तो भी उसे क्वालीफाई मान लिया जायेगा। दरअसल प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य ज्ञान के दो पेपर हैं। पहला पेपर पूरे देश और अंतर्राष्ट्रीय स्तर का होता है। इसमें करेंट अफेयर्स भी शामिल होता है वहीं दूसरा पेपर केवल झारखंड से जुड़े विषयों से संबंधित होता है। इससे झारखंड के स्थानीय युवाओं को फायदा मिलता था पर अब बाहरी युवा अभ्यर्थियों को प्रारंभिक परीक्षा में लाभ मिलने लगेगा। 

स्थानीय अभ्यर्थियों को नहीं मिलेगा लाभ
अमित मंडल ने कहा कि प्रारंभिक परीक्षा में झारखंड से संबंधित दूसरा पेपर इसलिये शामिल किया गया था ताकि स्थानीय अभ्यर्थियों को फायदा मिले। उन्होंने कहा कि जब तक दोनों पेपर के लिये अलग-अलग 40 फीसदी मार्क्स निर्धारित नहीं किया जायेगा स्थानीय अभ्यर्थियों को लाभ नहीं मिलेगा। अमित मंडल ने कहा कि सरकार को नियमों में बदलाव करना चाहिये नहीं तो बाहरियों को फायदा मिलेगा। सवाल का जवाब देते हुये ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सरकार इस पर विचार करेगी। 

जेपीएससी उम्र कट ऑफ में हो बदलाव
अमित मंडल ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान कहा कि झारखंड कंबाइंड सिविल सेवा परीक्षा 2021 के नियमों में कई त्रुटियां हैं। इसे रद्द करके नये सिरे से ड्राफ्ट बनाना चाहिये। विधायक अमित मंडल ने जेपीएससी में उम्र सीमा का कट ऑफ डेट अगस्त 2011 से 2016 कर दिये जाने का भी विरोध किया। उन्होंने कहा कि कट ऑफ डेट बदला जाना चाहिये नहीं तो कई अभ्यर्थी परीक्षा से वंचित रह जायेंगे।