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टोक्यो में स्वर्ण पदक तो जीता ही..स्टार ओलंपियन नीरज चोपड़ा ने अब ये कमाल भी कर दिया! 

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द फॉलोअप टीम, दिल्ली: 


भारत के स्टार जेवलीन थ्रोअर और टोक्यो ओलंपिक्स 2020 के गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा ने एक औऱ उपलब्धि अपने नाम कर ली है। नीरज चोपड़ा अब वर्ल्ड एथलेटिक्स द्वारा जारी ताजा रैंकिंग में दूसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। गौरतलब है कि टोक्यो ओलंपिक्स में गोल्ड मेडल जीतने से पहले नीरज 16वें स्थान पर थे। नीरज चोपड़ा ने टोक्यो में दुनिया के नंबर-1 जेवलिन थ्रोअर को हराकर स्वर्ण पदक जीता था। गौरतलब है कि अब रैकिंग में उनसे आगे केवल जर्मनी के जोहानेस वेटा हैं। बता दें कि टोक्यो में 87.58 मीटर की दूरी तक भाला फेंक कर नीरज ने गोल्ड जीता था। 

इतनी दूरी तय कर जीता था स्वर्ण पदक
गौरतलब है कि नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक्स के जेवलीन थ्रोइंग इवेंट के फाइनल में 87.58 मीटर की दूरी तर भाला फेंका था। ये ओलंपिक्स में साल 2000 के बाद से लेकर अब तक चौथा बेस्ट गोल्ड विनिंग थ्रो था। नीरज फिलहाल वर्ल्ड एथलेटिक्स द्वारा जारी ताजा रैंकिंग में 1315 प्वॉइंट्स के साथ दूसरे नंबर पर हैं। पहले नंबर पर काबिज वेटा के 1396 प्वॉइंट्स है। गौरतलब है कि वेटा ने इस साल सात बार जेवलीन को 90 मीटर से ज्यादा दूरी तक फेंका है लेकिन वे ओलंपिक्स में अपने इस प्रदर्शन से काफी पीछे रहे। वे ओलंपिक्स के फाइनल में भी क्वालीफाई नहीं कर पाये। 

वर्ल्ड रैकिंग में दूसरे स्थान पर काबिज नीरज
वर्ल्ड एथलेटिक्स द्वारा जारी ताजा रैंकिंग में पौलेंड के मार्सिन क्रुकोव्स्की तीसरे, टोक्यो ओलंपिक्स के सिल्वर मेडलिस्ट चेक रिपब्लिक के याकुब वालेच चौथे और जर्मनी के जूलियन वेबर पांचवे स्थान पर काबिज हैं। हालांकि मेडल जीतने के बाद नीरज चोपड़ा ने कहा था कि वे रैकिंग पर ज्यादा भरोसा नहीं करते। उनका कहना था कि केवल टूर्नामेंट या स्पर्धा के दिन खिलाड़ी कैसा प्रदर्शन करता है, सारी बातें इसी पर निर्भर करती हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें भरोसा था कि वे अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। 

पानीपत के खंडारा गांव से आते हैं नीरज चोपड़ा
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नीरज चोपड़ा हरियाणा के पानीपत जिला स्थित खांडरा गांव के रहने वाले हैं। किसान परिवार में जन्में नीरज वजन कम करने के लिए मैदान में जाया करते थे। वहीं कोच जयवीर सिंह ने उनको भाला फेंकने के लिए प्रेरित किया। यहां कुछ समय तक जेवलीन थ्रोइंग की प्रैक्टिस करने के बाद वे पंचकुला के ताऊ देवीलाल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आए। यहां कोच नसीम अहमद ने उनको जेवलीन थ्रोइंग की बारीकियां सिखाईं।