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BJP ने जो सोचा भी नहीं था वो हमारी सरकार ने कर दिखाया, बोले वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव

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द फॉलोअप टीम, रांचीः
झारखंड सरकार के 2 साल पूरे होने पर वित्त तथा खाद्य आपूर्ति डॉ रामेश्वर उरांव ने पत्रकारों से बातचीत की है। उन्होंने कहा कि अलग झारखंड राज्य गठन के बाद 16 वर्षां के शासनकाल में राज्य के विकास को लेकर भाजपा जो सोच भी नहीं पाई उसे महागठबंधन की सरकार ने कर दिखाया। कोरोना काल में सीमित संसाधनों से समाज के हर तबके और विशेषकर गरीबों को मदद पहुंचाया गया।

विपक्ष भी अंदरखाने करती है प्रशंसा
डॉ. उरांव ने कहा कि विपक्षी सदस्य भले ही सार्वजनिक रूप से इन कार्यां की प्रशंसा ना करती हो लेकिन अंदर ही अंदर वे भी राज्य सरकार के कार्यां की सराहना करते हैं। वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि यूनिवर्सल पेंशन योजना के तहत एक झटके में 13 लाख बूढ़े, बुजुर्ग और दिव्यांगों को नगद पैसा देने का हेमंत सोरेन की सरकार ने काम किया। कल्याणकारी योजना चलाईं। 

नियुक्ति नियमावली बन गई है 
वित्त मंत्री ने कहा पहले से नियमावली नहीं बनी है इसलिए नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं हो रही थी। राज्य सरकार ने नियुक्ति नियमावली बना ली है। कृषि विभाग में 123 पदों पर नियुक्ति के साथ ही जेपीएससी और जेएसएससी के माध्यम से रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद की जा रही हैं। यदि केंद्र सरकार अनुमति देगी, तो गेहूं की भी खरीद एमएसपी पर की जाएगी।वित्त मंत्री ने कहा कि मनरेगा के माध्यम से हर गांव-पंचायत में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। राज्य सरकार ने किसानों का 50 हजार रुपये तक का कर्ज माफ किया है और 1 लाख रुपये के कृषि ऋण को माफ करने की दिशा में भी सरकार काम कर रही हैं।

केंद्र सरकार करें पेट्रोल की कीमत कम 
पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने के संबंध में पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में डॉ. उरांव ने कहा कि झारखंड में 98 रुपये प्रति लीटर मिल रहा हैं। 2014 में केंद्र सरकार 9 प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी वसूलती थी, अभी यह बढ़कर 29 प्रतिशत हो गया है, रघुवर दास सरकार के समय ही 22 प्रतिशत वैट लिया जाता था, जबकि हेमंत सरकार में वैट में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गयी, इसलिए केंद्र सरकार दर में कमी लाये।  

एचईसी जीर्णोद्धार पर क्या बोले वित्त मंत्री
एचईसी के जीर्णाद्धार मामले में डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि 1954 में ही राउरकेला में स्टील प्लांट के लिए जमीन अधिग्रहण हुआ, लेकिन तब प्रबंधन ने 5000 एकड़ सरप्लस जमीन को ओडिशा सरकार को वापस कर दिया गया, लेकिन झारखंड में विस्थापन एक बड़ी समस्या रही है, यही कारण वर्ष 2013 में भूमि अधिग्रहण कानून लाया गया। मौके पर प्रदेश कांग्रेस कमिटी के वरीष्ठ नेता आलोक कुमार दूबे,लाल किशोर नाथ शाहदेव एवं डा.राजेश गुप्ता छोटू भी मौजूद थे।