द फॉलोअप टीम, मेरठ:
मेरठ जिले के मवाना और परीक्षित गढ़ ब्लॉक के गांव में इन दिनों सांपों का आतंक है। लोगों में इस कदर डर समा गया है कि लोग रात जागकर बिता रहे हैं। किसी भी चीज की जरा सी आहट होती है तो लोग अलर्ट हो जाते हैं। वहीं आलमगीरपुर बदला गांव में तो सांपों को पकड़ने के लिए सपेरों को भी बुला लिया गया है। 5 दिन पहले भी गांव में एक घर में सो रही 2 बच्चियों को सांप ने डस लिया था। दोनों मासूम बच्चियों की मौत हो गई थी। ग्रामीण में बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गयी है।
ग्रामीण कर रहे रखवाली
एक ग्रामीण बताते हैं कि गांव में सांपों के आतंक से दिन में महिलाएं सतर्क रहती है और रात में पुरुषों और अन्य परिजनों की रखवाली करते हैं क्योंकि रात में कब कहां से सांप निकल आए इसका पता नहीं रहता इसलिए रात में सब लोग अपने बिस्तर पर ही रहते हैं बिस्तर से नीचे नहीं उतरते। इसके अलावा खुले में सोने की कोशिश करते हैं जिससे कि कमरे में सांप किसी सहारे से छत पर चढ़ते हुए घर के लोगों के ऊपर गिर कर उनको अपना निशाना ना बनाए।
हर दिन तीन सांप पकड़ रहे है
सांपों को पकड़ने के लिए तीन सपेरे क्षेत्र के गांव में घूम रहे हैं। यह सपेरे हर दिन तीन सांप पकड़ रहे हैं। पकड़ने के बाद उनको या तो जंगल में ले जाकर छोड़ देते हैं या फिर गंगा में बहा देते हैं। ग्रामीणों के अनुसार सांप निकलने की घटनाएं आए दिन बढ़ती जा रही है। जिन बच्चियों की मौत हुई है उनके पिता का कहना है कि गांव में दो तरह के सांप इन दिनों देखे जा रहे हैं। इनमें एक भूरा और दूसरा गहरा बैंगनी रंग का है। क्षेत्र में इस तरह के सांप पहले भी देखे जाते रहे हैं लेकिन यह पहली बार हो रहा है किन के काटने से लोगों की मौत हो रही है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
जंतु वैज्ञानिक कहते हैं कि बरसात के दिनों में बिलों और जमीन के भीतर पानी भर जाता है। जिसके कारण जमीन के भीतर रहने वाले जीव जंतु बाहर आ जाते हैं इन जंतुओं में सांप भी होते हैं। हालांकि यह हर साल होता है लेकिन अगर किसी क्षेत्र में आमतौर पर ऐसा बार-बार हो रहा है तो इसका मतलब है कि क्षेत्र में सांपों की बहुलता बढ़ गई है। इसके लिए वन विभाग से शिकायत करनी चाहिए जिससे वन विभाग सांपों को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाएं।