द फॉलोअप टीम, दिल्ली:
पीएम मोदी ने आज रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 79वें एपिसोड को संबोधित किया। पीएम मोदी ने काह कि दो दिन पहले की कुछ यादगार पल मेरी आंखों के सामने है। टोक्यो में भारतीय खिलाड़ियों को देखकर पूरा देश रोमांचित हो उठा था। पूरे देश ने कहा था विजयी भव। आज उनके पास प्यार और सपोर्ट की ताकत है। सोशल मीडिया पर उनके सपोर्ट में विक्ट्री पंच कैंपेन शुरू हो चुका है। जो देश के लिए तिरंगा उठाता है। देश भक्ति की यही भावना हमें जोड़ती है।
पीएम मोदी ने किया कारगिल गाथा पढ़ने का आग्रह
पीएम मोदी ने कहा कि कल कारगिल विजय दिवस है। ये भारत की सेना के शौर्य का प्रतीक है। मैं चाहूंगा कि आप कारगिल की गाथा जरूर पढ़ें। वीरों को नमन करें। पीएम मोदी ने कहा कि देश आजादी के 75वें साल में प्रवेश कर रहा है। ये हमारा सौभाग्य है कि जिस आजादी के लिए देश ने सदियों तक इंतजार किया उसके 75 वर्षख होने के हम साक्षी बन रहे हैं। पीएम ने कहा कि आपको याद होगा कि आजादी के 75 साल मनाने के लिए 12 मार्च को बापू के साबरमती आश्रम से अमृत महोत्सव की शुरुआत की गई थी। इसी दिन बापू की दांडी यात्रा को भी पुनर्जीवित किया गया था। तब से जम्मू-कश्मीर से लेकर पुदुचेरी तक, गुजरात से पूर्वोत्तर तक, पूरे देश में अमृत महोत्सव से जुड़े कार्यक्रम चल रहे हैं। स्वाधीनता सेनानियों और महापुरुषों को को याद किया जा रहा है।
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अमृत महोत्सव के जरिए स्वतंत्रता सेनानियों को नमन
पीएम मोदी ने कहा कि कितने ही स्वाधीनता सेनानी और महापुरुष हैं जिन्हें अमृत महोत्सव में देश याद कर रहा है। सरकार और सामाजिक संगठनों की तरश से लगातार कार्यक्रम आय़ोजित किए जा रहे हैं। ऐसा ही एक आयोजन इस बार 15 अगस्त को भी होने जा रहा है। ये एक प्रयास है राष्ट्रगान से जुड़ा हुआ। सांस्कृतिक मंत्रालय की कोशिश है कि इस दिन ज्यादा से ज्यादा भारतवासी मिलकर राष्ट्रगान गाएं। इसके लिए एक वेबसाइट बनाई गई है। rashtragaan.in इसकी मदद से आप राष्ट्रगान गाकर उसे रिकॉर्ड कर पाएंगे। इस अभियान से जुड़ पाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से कहा कि मुझे उम्मीद है कि आप इस अनोखी पहल से जरूर जुड़ पाएंगे।
राजनीतिक दल का कार्यक्रम नहीं अमृत महोत्सव
प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृत महोत्सव किसी सरकार का या राजनीतिक दल का कार्यक्रम नहीं है। ये कोटि-कोटि भारतवासियों का कार्यक्रम है। हर स्वतंत्र और कृतज्ञ भारतीय को अपने स्वतंत्रता सेनानियों को नमन है। इस महोत्सव की मूल भावना का विस्तार बहुत विशाल है। ये भावना है। अपने स्वाधीननता सेनानियों के मार्ग पर चलना। उनके सपनों का देश बनाना। जैसे देश की आजादी के मतवाले, स्वतंत्रता के लिए एकजुट हो गए ते वैसे ही हमें देश के विकास के लिए एकजुट होना होगा। हमें देश के लिए जीना है। देश के लिए काम करना है। इसमें छोटे-छोटे प्रयास भी बड़े नतीजे ला देते हैं।
देश के विकास के लिए सबको एकजुट होना ही होगा
पीएम ने कहा कि रोज के कामकाज करते हुए भी हम राष्ट्र निर्माण कर सकते हैं। जैसे कि वोकल फॉर लोकल,. हमारे देश के स्थानीय उद्यमियों, आर्टिस्टों, शिल्पकारों, बुनकरों को सपोर्ट करना हमारे सहज स्वभाव में होना चाहिए। सात अगस्त को आने वाले नेशनल हैंडलूम डे एक और अवसर है जब हम ये काम कर सकते हैं। इस दिन के साथ ऐतिहासिक पृष्ठभूमि जुड़ी है। इस दिन साल 1905 में स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत हुई थी। हमारे देश के ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में हैंडलूम कमाई का बहुत बड़ा साधन है। ये एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें लाखों महिलाएं, बुनकर और शिल्पी जुड़े हैं। आपके छोटे से प्रयास बुनकरों की उम्मीद जगाएंगे। आर्थिक और सामाजिक विकास होगा।