द फॉलोअप टीम, वाराणसी:
प्रधानमंत्री मोदी आज वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन और लोकार्पण करने वाले हैं। इस स्टोरी में आपको बताएंगे की काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की खासियत क्या है। गौरतलब है कि 8 मार्च 2019 को प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का शिलान्यास किया था। शिलान्यास के तकरीबन 32 महीने बाद काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनकर तैयार हो गया है। शिलान्यास के लगभग 2 साल 8 महीने बाद इस ड्रीम प्रोजेक्ट का 95 फीसदी काम पूरा किया जा चुका है। 5 फीसदी काम बाकी है।
340 करोड़ की लागत से बना है कॉरिडोर
गौरतलब है कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण में कुल 340 करोड़ रुपये की लागत आई है। कॉरिडोर का निर्माण 50 हजार वर्ग किमी में हुआ है। बता दें कि इसका मुख्य दरवाजा गंगा की ओर ललिता घाट से होकर जाता है। कॉरिडोर को 3 भागों में बांटा गया है। पहला मंदिर का मुख्य भाग है जो लाल बलुआ पत्थर से बना है। इसमें 4 बड़े-बड़े गेट लगे हैं। चारों तरफ प्रदक्षिणा पथ बनाया गया। प्रदक्षिणा पथ पर संगमरमर के 22 शिलालेख बने हैं जिसमें काशी की महिमा का बखान किया गया है।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में 24 भवन
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में 24 भवन भी बनाये जा रहे हैं। इसमें मुख्य मंदिर परिसर, मंदिर चौक, मुमुक्षु भवन, 3 यात्री सुविधा केंद्र, 4 शॉपिंग कॉप्लेक्स, मल्टीपर्पस हॉल, सिटी म्यूजियन, वाराणसी गैलरी, जलपान केंद्र और गंगा व्यू कैफे है। धाम की चमक बढ़ाने के लिए अलग-अलग तरह की 5 हजार लाइटें लगाई गई हैं। ये खास तरह की लाइटें दिन, दोपहर और रात में रंग बदलती रहेंगी।
लोकार्पण को लेकर उत्सव का माहौल
दिलचस्प है कि कॉरिडोर के लोकार्पण को लेकर पूरे काशी में उत्सव का माहौल है। सरकारी भवों, चौराहों और मकानों को बिजली के रंग-बिरंगे झालरों से सजाया गया है। लोगों ने अपने घरों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को सजाया गया है। जगह-जगह सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। 13 दिसंबर की शाम को दीपावली की तर्ज पर सभी से अपने घरों को दीपों से सजाने की अपील की गई है।
350 साल पहले हुआ था पुनरूद्धार
विश्वनाथ मंदिर में बीते कई वर्षों से पुजारी का काम कर रहे है श्रीकांत मिश्र ने बताया कि अहिल्याबाई होल्कर ने आज से 350 वर्ष पहले वर्तमान श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण करवाया था। 2 हजार वर्ग मीटर में पैले मंदिर के दर्शन के लिए लोग तंग गलियों से होकर जाते थ। मंदिर में बहुत कम स्थान था।
400 मकानों को अन्यंत्र स्थापित किया गया
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण में करीब 400 मकानों और सैकड़ों मंदिरों को कहीं और बसाना पड़ा है। विश्वनाध मंदिर के काफी घनी आबादी में बने होने के कारण तकरीबन 400 संपत्तियों को खरीदा गया। तकरीबन 1400 लोगों को शहर में कहीं और बसाया गया। कॉरिडोर के निर्माम में 2600 मजदूर और 300 इंजीनियर 3 शिफ्टों में लगातार काम करते रहे। उद्घाटन कार्यक्रम में सभी बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, विधायक, केंद्रीय मंत्री और सांसद हिस्सा ले रहे हैं। कार्यक्रम काफी भव्य है।