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प्रशांत बोस ने लेवी से जुड़े मामले से उठाया पर्दा, बताया-कहां से होती है कितनी वसूली 

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द फॉलोअप टीम, रांची: 
कुख्यात नक्सली प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद अब नये-नये खुलासे होने लगे हैं। पूछताछ में बोस एक के बाद एक राज उगल रहा है।  प्रशांत बोस ने पुलिस के सामने यह बता दिया है कि संगठन के द्वारा वसूली जाने वाली लेवी का बड़ा हिस्सा कहां से आता था। बोस ने खुलासा किया है कि सरकारी विकास योजनाओं में सबसे ज्यादा लेवी कोयल शंख जोन से मिलता है।

कोयल शंख जोन में सरकारी विकास योजनाओं, बीड़ी पत्ता कारोबार, खनन से सबसे ज्यादा लेवी की वसूली होती है। इसके बाद मध्य जोन और अन्य इलाकों से लेवी का एक बड़ा हिस्सा मिलता है।  बोस ने पुलिस को बताया है कि लेवी की राशि का बंटवारा संगठन के द्वारा मिलिट्री कमीशन, रीजनल कमेटी, जोनल कमेटी, एरिया कमेटी के बीच किया जाता है। 

मिसिर बेसरा की टीम ज्यादा आक्रामक
प्रशांत बोस के बाद अब झारखंड में तीन एक करोड़ के इनामी नक्सली बचे हैं। उनमें से एक है मिसिर बेसरा। ऐसा तय माना जा रहा है कि बोस के बाद अब संगठन की कप्तानी बेसरा को ही मिलने वाली है। झारखंड पुलिस मिसिर के बारे में सूचना जुटा रही है। पुलिस को जो सूचनाएं मिली हैं उसके मुताबिक, मिसिर बेसरा की टीम ज्यादा आक्रामक होने की कोशिश करेगी। इसलिए मिसिर बेसरा की टीम प्रशांत बोस की गिरफ्तारी में शामिल पुलिसकर्मियों और खुफिया एजेंसियों के सदस्यों को चिह्नित करने में जुटी है। मिसिर बेसरा की टीम इसलिए आक्रमक है क्योंकि उनके अंदर बोस की गिरफ्तारी को लेकर आक्रोश है। 

तीन दिन की बंदी का ऐलान 
नक्सलियों ने तीन दिन के बंद का ऐलान कर दिया है।  माओवादियों के ऐलान के बाद लातेहार, चाईबासा और खूंटी में वारदातें भी हुईं, लेकिन सजगता के कारण कोई बड़ा हादसा नही हुआ है। पुलिस के मुताबिक, नक्सल प्रभाव वाले सभी जिलों में अभियान चलाया जा रहा है, ताकि माओवादी किसी वारदात को अंजाम नहीं दे सकें। 
22 नवंबर की देर रात औरंगाबाद जिले के अति नक्सल प्रभावित मदनपुर थाना क्षेत्र के जुड़ाही में नक्सलियों ने मोबाइल टावर उड़ा दिया। एक पंचायत भवन को क्षतिग्रस्त कर दिया। प्रशांत बोस की गिरफ्तारी झारखंड से हुई है, और बोस फिलहाल रांची के जेल में हैं इसलिए झारखंड पुलिस हाई अलर्ट पर है।