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कोरोना से जान गंवाने वाले पत्रकारों के आश्रितों को मिले 5 लाख का मुआवजा- रघुवर दास

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द फॉलोअप टीम, रांची: 
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में झारखंड के कई पत्रकारों की मौत हो गयी। पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कोरोना की वजह से जान गंवाने वाले पत्रकारों के आश्रितों के लिए मुआवजे की मांग की है। रघुवार दास ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि कोरोना की चपेट में आकर जान गंवाने वाले पत्रकारों के आश्रितों को पांच-पांच लाख रुपया का मुआवजा दिया जाए। 

कोरोना से 18 पत्रकारों की मौत
कोरोना की वजह से झारखंड में 18 पत्रकारों की मौत हो चुकी है। पूर्व मुख्यमंत्री ने इस पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि राज्य सरकार की असंवेदनशीलता और गैर-जिम्मेदराना रवैये की वजह से पत्रकारों की जान गयी। राज्य सरकार यदि कोरोना की दूसरी लहर आने से पहले पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर्स का दर्जा देती। प्राथमिकता के आधार पर उनका वैक्सीनेशन किया जाता। उनकी चिकित्सा की समुचित व्यवस्था की जाती तो पत्रकारों को संक्रमण की चपेट में आने से रोका जा सकता था। 

पत्रकार के आश्रितों को मिले मुआवजा
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से जान गंवाने वाले पत्रकारों के आश्रितों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा नहीं मिलना ये बताता है कि राज्य सरकार कितनी गैर-जिम्मेदार है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके कार्यकाल में पत्रकारों के निधन पर पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजे का प्रावधान था। उनके कार्यकाल में सभी मीडिया कर्मियों को पेंशन देने की भी योजना बनाई गयी थी। रघुवर दास ने आरोप लगाया कि हेमंत सरकार ने उस पर अमल नहीं किया। उन्होंने कहा कि पेंशन योजना लागू की जानी चाहिए। 

पत्रकारों को भी मिले प्राथमिकता
गौरतलब है कि राज्य में कोरोना की चपेट में आकर 18 पत्रकारों की मौत हो चुकी है। कई पत्रकार कोरोना संक्रमित हैं। उनका इलाज किया जा रहा है। शिकायत है कि पत्रकारों को समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा।  हाल ही में हेमंत सरकार ने आदेश जारी कर पत्रकारों को वैक्सीनेशन कार्यक्रम की प्राथमिकता सूची में शामिल किया है। पत्रकार खबरों के संकलन के लिए ग्राउंड में होते हैं। उनके संक्रमित होने का खतरा ज्यादा रहता है। उनको प्राथमिकता मिलनी चाहिए।