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फादर स्टेन स्वामी की मौत के लिए दोषी लोगों को सजा देने की मांग को लेकर 15 जुलाई को राजभवन मार्च

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द फॉलोअप टीम, रांची:
झारखंड के चर्चित बुजुर्ग मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेान स्वामी की हिरासत में मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। राज्य की राजधानी रांची से लेकर देश की राजधानी दिल्‍ली होता हुआ मामला अमेरिका तक जा पहुंचा है। सभी जगह उनकी हिरासत और मौत पर सवाल उठाए जा रहे हैं। अब झारखंड के सामाजिक संगठनों ने राजभवन मार्च करने का निर्णय लिया है। मार्च 15 जुलाई को किया जाएगा। जिसमें मांग की जाएगी कि फादर स्टेन स्वामी की मौत के लिए दोषी लोगों को सजा दी जाए। 

मुख्यमंत्री और राज्यपाल से किया जाएगा आग्रह
रांची में आज वाम लोकतांत्रिक सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों की भाकपा राज्य कार्यालय में एक बैठक हुई। जिसमें एक स्वर में सहमति बनी कि मुख्यमंत्री और राज्यपाल से मिलकर फादर स्टेन स्वामी की मौत के लिए दोषियों को सजा देने की मांग की जाएगी। इसके अलावा जेलों में बंद मानवाधिकार और राजनितिक बंदियों को रिहाई करने, लोकतंत्र विरोधी यूएपीए काला कानून रद्द करने, फादर को शहीद का दर्जा देते हुए शांति नोबेल पुरस्कार से सम्मानित करने की मांग उठाई जाएगी।

बड़ी संख्या में भाग लेंगे सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता
राजभवन मार्च में बड़ी संख्या में सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता भाग लेंगे। बैठक के माध्यम से सभी संगठनों से अपील की गई है कि न्याय की लड़ाई में जरूर शामिल हों। बैठक में भाकपा, माकपा, भाकपा माले, राजद, एसयूसी आई, आदिवासी मूलवासी आस्तित्व रक्षा मंच, आइसा, झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा, समेत कई जन संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। जिसमें सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला, कुमार वरुण, अलोका कुजुर ,,राजद के राजेश यादव, भाकपा माले के भुवनेश्वर केवट, भाकपा के अजय सिंह माकपा के सुखनाथ लोहरा, प्रफूल्ल लिंडा, बीरेंद्र कुमार, एसयूसीआई के मिंटू पासवान, मासस के सुशांतो मुखर्जी, छात्र नेता नौरीन अख्तर, जॉन पंकज  कुजूर , जिम्मी आदि मुख्य रूप से शामिल थे।