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गिरिडीह: बस डिपो की विवादित जमीन को लेकर BJP और JMM में जुबानी जंग, बाबूलाल या सुदिव्य! कौन सही

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द फॉलोअप टीम, गिरिडीह: 

गिरिडीह जिला में पंचबा बस डिपो की 17 एकड़ विवादित जमीन को लेकर उठा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। सियासी मुद्दा बन चुकी इस जमीन को लेकर भारतीय जनता पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी द्वारा गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार पर लगाए गए आरोप का अब झामुमो की जिला इकाई ने जवाब दिया है। 

बाबूलाल मरांडी का सुदिव्य कुमार पर गंभीर आरोप
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने गिरिडीह से झारखंड मुक्ति मोर्चा के मौजूदा विधायक सुदिव्य कुमार पर डिपो की जमीन हड़पने के मामले में संलिप्तता का आरोप लगाया था। इस आरोप को लेकर गिरिडीह की झामुमो जिला कमिटी पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी पर हमलावर हो गई है। शनिवार को झामुमो जिलाध्यक्ष संजय सिंह ने प्रेस वार्ता भी की। 

बाबूलाल मरांडी के आरोपों पर झामुमो का पलटवार
प्रेस वार्ता में झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिलाध्यक्ष संजय सिंह  ने कहा कि डिपो की जिस विवादित जमीन को लेकर बाबूलाल मरांडी ने विधायक सुदिव्य कुमार पर आरोप लगाया उसकी जमाबंदी साल 2002 में अवैध रूप से दर्ज की गई थी। उस वक्त प्रदेश के मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ही थी। संजय सिंह ने कहा कि बाबूलाल मरांडी के कार्यकाल में गिरिडीह के भू-माफियाओं द्वारा बरगंडा स्थित तालाब को भर कर बेच दिया गया। संजय सिंह ने व्यंग्य भरे लहजे में कहा कि जिनके घर शीशे के होते हैं वे दूसरों के घरों में पत्थर नहीं फेंके। उन्होंने बाबूलाल मरांडी पर जमकर निशाना साधा। 

झामुमो ने बाबूलाल मरांडी पर लगाया गंभीर आरोप
झामुमो जिलाध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के कार्यकाल में ही बस डिपो की जमीन को हड़पने की साजिश रची गई थी। अब बाबूलाल मरांडी सुदिव्य कुमार पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। उनको साक्ष्य के साथ जनता के साथ आना चाहिए। संजय सिंह ने कहा कि विधायक के कानूनी सलाहकार मामले को देख रहे हैं। बाबूलाल मरांडी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज किया जायेगा। संजय सिंह ने कहा कि बीजेपी से जुड़े कई मामलों का वो खुलासा करेंगे। 

विवादित जमीन पर गांधी स्मारक बनाने की मांग की
संजय सिंह ने कहा कि पंचबा स्थित बस डिपो की जिस 17 एकड़ विवादित जमीन को लेकर इतना हो-हल्ला हो रहा है उस जमीन पर मूल रैयत के वारिस को लेकर ही अभी सस्पेंस बना हुआ है। उन्होंने बताया कि इस इस स्थल पर साल 1925 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने जनसभा की थी। वो गिरिडीह के लिए धरोहर जैसा है। उन्होंने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा की ये मांग है कि उक्त स्थल को गांधीजी के स्मारक के रूप में विकसित किया जाये। मौके पर कई कार्यकर्ता मौजूद थे।