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'समाजवादी इत्र' बनाने वाले कारोबारी के घर मिली 150 करोड़ रुपये की नकदी, अभी भी जारी है गिनती

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द फॉलोअप टीम, डेस्क: 

कानपुर में एक धनकुबेर इत्र कारोबारी का पता चला है। आयकर और जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय की संयुक्त कार्रवाई में अब तक कारोबारी के कानपुर स्थित मकान से 150 करोड़ रुपये की नकदी मिली है। अभी भी नोटों की गिनती जारी है। मिली जानकारी के मुताबिक आयकर विभाग ने कानपुर के जूही थानाक्षेत्र अंतर्गत आनंदपुरी में रहने वाले कन्नौज के बड़े इत्र कारोबारी पीयूष जैन के ठिकानों पर छापा मारा। टीम ने पीयूष जैन के बेटे प्रत्युष जैन को हिरासत में लिया है। 

नोट गिनने वाली मशीन मंगवाई गई
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर से इतनी नकदी मिली है कि नोट गिनने वाली मशीन मंगवानी पड़ी। आयकर विभाग की टीम ने 80 नए बॉक्स मंगवाये हैं। कैश ले जाने के लिए कंटेनर भी मंगवाया गया है। अभी भी नोटों की गिनती जारी है। जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय की टीम ने गुरुवार को सुबह इत्र कारोबारी पीयूष जैन की फैक्ट्री, ऑफिस, कोल्ड स्टोरेज और पेट्रोल पंप पर छापेमारी की। कानपुर, कन्नौज, गुजरात औऱ मुंबई स्थित सभी ठिकानों पर छापेमारी की गई है। 

अखिलेश यादव के करीबी हैं कारोबारी
पीयूष जैन समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी बताये जाते हैं। अखिलेश यादव की मौजूदगी में 1 महीने पहले समाजवादी इत्र लॉंच किया था। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के अध्यक्ष विवेक जौहरी ने बताया कि छापेमारी में अब तक लगभग 150 करोड़ रुपये जब्त किये गये हैं। नोटों की गिनती अभी भी जारी है। बाकी ठिकानों पर भी छापेमारी जारी है। 

टैक्स का भुगतान किये बिना कारोबार
विवेक जौहरी ने बताया कि हमें जानकारी मिली थी कि पान मसाला और इत्र कंपनी त्रिमूर्ति फ्रेग्नेंस चालान और टैक्स का भुगतान किये बिना सामग्री का परिवहन कर रही थी। उन्होंने कहा कि हमें ये भी जानकारी मिली थी कि त्रिमूर्ति फ्रेग्नेंस बिना इनवॉयस या टैक्स का भुगतान किये काम कर रही थी। विवेक जौहरी ने बताया कि कारोबारी पीयूष जैन के 3 संस्थाओं की तलाशी ली गई। बता दें कि सीबीआईसी के इतिहास में ये सबसे बड़ी कार्रवाई है। 

फर्जी चालान और क्रेडिट का मामला दर्ज
मामले में त्रिमूर्ति फ्रेग्नेंस के खिलाफ फर्जी चालान और फर्जी क्रेडिट का मामला दर्ज कर लिया गया है। जीएसटी का कानून ये कहता है कि यदि आपका चालान एक निश्चित सीमा से अधिक है तो आपको चालान देना होगा। उन्होंने कहा कि छापेमारी में हमें ऐसी चीज मिली है जिस पर जीएसी कर दी दर 28 फीसदी से ज्यादा है। पूछताछ जारी है।