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दिव्यांग शिक्षक को राज्यपाल से आपबीती कहने की मिली सजा, विश्वविद्यालय ने सेवा से हटाया! 

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द फॉलोअप टीम, दुमका: 

राज्यपाल सह कुलाधिपति से शिकायत करना दिव्यांग शिक्षक को महंगा पड़ा। न्याय की गुहार को लेकर बाये पैर से दिव्यांग शिक्षक सिद्दो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय कैंपस में सोमवार से अनिश्चतकालीन अनशन पर बैठ गए। शिक्षक देवघर जिला के सोनारायठाड़ी थाना क्षेत्र के महादेव अम्बा गांव के रहने वाले राजेश कुमार यादव है। 

प्रोत्साहन राशि नहीं मिलने की शिकायत की थी
गौरतलब है कि 70 फीसदी दिव्यांग शिक्षक राजेश ने आप बीती बताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय मुख्यालय में पीजी रसायनशास्त्र विषय में 22 जनवरी 2020 से वर्गाध्यापन का कार्य विश्वविद्यालय प्रशासन के मौखिक आदेश पर करते आ रहा था।  इसके बदले किसी प्रकार का प्रोत्साहन राशि नहीं मिलने पर 15 अगस्त को राज्यपाल सह कुलाधिपति के दुमका दौरे के दौरान आप बीती सुनाया था। कुलाधिपति के जांच कर कार्रवाई के आदेश पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच समिति गठित किया था। 

लिखित प्रश्नों का जवाब देने पर भी भुगतान नहीं
जांच समिति के मौखिक और लिखित प्रश्नों के जबाब देने के बावजूद अब तक पैसे का भी भुगतान नहीं हुआ और वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा वर्गाध्यापन कार्य से भी हटा दिया गया। पीड़ित शिक्षक ने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलता है, तब तक अनशन कर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ विरोध जारी रहेगा। शिक्षक वर्गाध्यापन के समयावधि तक प्रोत्साहन राशि की भुगतान एवं वर्गाध्यापन लेने की अनुमति देने की मांग को लेकर अनशन किया है।

इससे पहले विश्वविद्यालय प्रशासन को मांगों से दिव्यांग शिक्षक अवगत कराते हुए आंदोलन की चेतावनी दी थी। पैसे भुगतान नहीं होने से बाध्य होकर शिक्षक द्वारा अनशन आंदोलन की रास्ता अपनाया।