द फॉलोअप टीम, रांची:
राज्य के ग्रामीण इलाकों में बैकिंग सुविधाओं को हर घर तक पहुंचाने की मुहिम रंग ला रही है। बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट सखी (बीसी सखी) अपने गांव-पंचायत में बैंकिंग सुविधाओं को सुलभ बनाने की जिम्मेदारी को बखूबी निभा रही हैं। ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत झारखण्ड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी ने विभिन्न बैंकों के साथ साझेदारी में बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट सखी को राज्य के ग्रामीण इलाकों में तैनात किया है। करीब 3300 सखी मंडल की बहनें आज अपने गांव-पंचायत में बतौर बैंकिंग सखी कॉरेस्पॉन्डेंट डोरस्टेप बैंकिंग सुविधाएं पहुंचा रही हैं। वहीं, सखी मंडल की बहनों को इस तरह एक नया रोजगार मिल गया है। इससे उनकी 6 से 12 हजार रुपये तक की मासिक आमदनी हो रही है।
बीसी सखी के जरिए घर-घर पहुंचती बैंकिंग सेवाएं
रांची के ओरमांझी प्रखण्ड की सोनी देवी सखी मंडल की एक सक्रिय सदस्य हैंं, और वो करीब दो साल से बीसी सखी के रूप में गांवों को बैंकिग सेवाएं दे रही हैं। ग्राहकों के बढ़ते तादाद को देखते हुए हाल ही में सोनी देवी ने अपना बैंकिंग सेवा केंद्र भी खोला है। सोनी देवी अब रोजाना 40 से 50 लोगों को बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ती हैं। सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज सोनी देवी कहती हैं कि वे बीसी सखी के रूप में, हर महीने करीब 25 लाख रुपये का लेन-देन करती हैं। इससे, एक ओर उन्हें करीब 8 हजार की आमदनी हो जाती है, वहीं उन्हें इस बात की खुशी है कि बुजर्गों को वे उनके घर जाकर पेंशन उपलब्ध करा रही हैं।
सुनिये इस बुजुर्ग महिला को
ओरमांझी स्थित गगारी गांव की 80 वर्षीय बिपति देवी कहती हैं “ मैं अब चलने-फिरने में सक्षम नहीं हूँ लेकिन घर बैठे ही बी.सी.सखी के माध्यम से बैंकिंग सेवाएँ आसानी से प्राप्त हो जाती है। वृद्धा पेंशन समय-समय पर बी.सी.सखी आकर उपलब्ध करा देती है। वहीं इससे पहले निकासी के लिए बैंक जाना पड़ता था, तो काफी परेशानी होती थी।"
लगभग एक अरब का लेनदेन हो रहा सुनिश्चित
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत सखी मंडल की दीदियों को प्रशिक्षित कर बीसी सखी के रुप में स्वरोजगार व रोजगार से जोड़ा जा रहा है। सखी मंडल की बहनें अपने गांव-पंचायत में बैंकिंग सखी कॉरेस्पॉन्डेंट के रुप में डोरस्टेप बैंकिंग सुविधाएं पहुंचा रही है। इनके द्वारा मनरेगा मजदूर, पेंशन, बैंक खाता, छात्रवृति, सरकारी योजनाओं की राशि का भुगतान एवं समूहों के लेन-देन के कार्य किया जा रहा है। बैंक वाली दीदियाँ अब हर महीने राज्य के गांव-पंचायत में रहने वाले करीब 2.5 लाख लोगों तक बैंकिग सुविधाएं पहुंचा रही है। इससे तकरीबन 90 से 100 करोड़ रुपये का लेन-देन सुनिश्चित हो रहा है। बीसी सखी अपने लैपटॉप एवं पीओएस मशीन के जरिए गांव तक बैंक में मिलने वाली हर सुविधा से लोगों को आच्छादित कर रहीं हैं।