logo

न्यूजीलैंड के दूतावास ने मांगा ऑक्सीजन तो इस शख्स ने पहुंचाई मदद, जानिए! श्रीनिवास की कहानी

8026news.jpg
द फॉलोअप टीम, दिल्ली: 
भारत में न्यूजीलैंड के दूतावास को ऑक्सीजन सिलिंडर की जरूरत पड़ी तो दूतावास की तरफ से ट्विटर पर मदद मांगी गई। रविवार की सुबह 10 बजकर 7 मिनट पर दूतावास ने लिखा "हम सभी सोर्स से ऑक्सीजन की व्यवस्था की तलाश कर रहे हैं"। 10 बजकर 19 मिनट पर उनके ट्वीट पर एक रिप्लाई आया, जिसमें लिखा था "हम न्यूजीलैंड हाइकमीशन की गेट पर ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर खड़े हैं, कृपया दरवाजा खोलें और समय पर जिंदगी बचाएं"। 

न्यूजीलैंड के दूतावास को पहुंचाई मदद
आज जब देश में लगभग हर दूसरा व्यक्ति ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा है और सरकारें मदद करने की स्थिति में नहीं है, न्यूजीलैंड के दूतावास को जिसने ऑक्सीजन दिया, उसका नाम है श्रीनिवास बीवी। ये वही श्रीनिवास हैं जिनका नाम सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। कोविड के दौरान मदद करने वालों की सूची में इनका नाम ऊपर है। इनसे केवल आम लोग ही नहीं, बल्कि नेता, मंत्री, अभिनेता, पत्रकार सब मदद मांग रहे हैं। अब इन्होंने न्यूजीलैंड के दूतावास को भी मदद पहुंचाई है। 

कर्नाटक के रहने वाले हैं श्रीनिवास
श्रीनिवास कर्नाटक से हैं। काग्रेस के नेता हैं और वर्तमान में इंडियन यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। 41 साल के श्रीनिवास राहुल गांधी के बेहद करीबी हैं और फिलहाल दिल्ली में रहते हैं। श्रीनिवास ने लगभग 1 लाख से अधिक लोगों की मदद की है। ऑक्सीजन, अस्पताल में बेड, रेनडेसिविर दवा या फिर कुछ और। हर तरह की मदद लोगों तक पहुंचाई जा रही है। कोई ट्विटर पर, कोई व्हाट्सएप और कोई फोन कर उनसे मदद मांग रहा है। श्रीनिवासन ने आउटलुक मैगजीन को बताया कि वे हर एक की मदद कर रहे हैं। उनका फोन दिन भर बजता रहता है। हर हफ्ते 15 हजार से ज्यादी मदद की अपील आती है। उनकी कोशिश होती है कि सबकी मदद की जा सके। 

प्लाज्मा डोनेशन के लिए भी प्रेरित किया
सवाल है कि जब सरकारें फेल हो रही हैं, तमाम अस्पतालों के पास ऑक्सीजन नहीं है तो फिर श्रीनिवास के पास यह सबकुछ कैसे आ रहा है। वे कहां से लोगों तक मदद पहुंचा रहे हैं। श्रीनिवास इसके लिए अपनी टीम को क्रेडिट देते हैं। वे कहते हैं कि मार्च में ही राहुल गांधी यूथ कांग्रेस के ऑफिस आए थे, जिसके बाद से ही उन्होंने कोविड को लेकर तैयारियां शुरू कर दी थीं। जितने लोग कोरोना से रिकवर करते रहे, उन सबका डाटाबेस तैयार किया गया। बाद में इन लोगों को प्लाज्मा डोनेशन के लिए प्रेरित किया गया। 

गर्व से लिया जायेगा श्रीनिवास का नाम
इसी तरह उनकी टीम लगातार वेंडर्स के संपर्क में हैं। ऑक्सीजन और रेनडेसिविर की दवा की जरूरत पर यूथ काग्रेस की टीम एक्टिव हो कर उपलब्धता का पता लगाती है और लोगों तक पहुंचाती है। झारखंड के जमशेदपुर के एक व्यक्ति को रेनडेसिविर मेडिसिन की जरूरत को लेकर ट्वीट किया। श्रीनिवास ने यूथ कांग्रेस की टीम को इस काम में लगाया लेकिन पता चला कि जमशेदपुर में रेनडेसिविर का स्टॉक है ही नहीं। यूथ कांग्रेस का एक सदस्य दिल्ली से जमशेदपुर उसी दिन की फ्लाइट से रेनडेसिविर लेकर आया। 
ऐसे कई उदाहरण है, जब श्रीनिवास ने सीमा से बाहर जाकर लोगों की मदद की है। वे अपनी टीम के साथ इसमें जुटे हुए हैं। भारत जब कोरोना से उबरेगा, तो श्रीनिवास जैसे लोगों का नाम बड़े गर्व से लिया जाएगा।