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झारखंड के नए राज्यपाल रमेश बैस की चुनावों में जीत की कहानी

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द फॉलोअप टीम, रांची: 

त्रिपुरा के राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) को झारखंड का नया राज्यपाल बनाया गया है। 14 जुलाई 2021 को रमेश बैस ने शपथ लिया। रमेश बैस ने झारखंड के 11वें  राज्यपाल के रुप में पदभार ग्रहण किया। झारखंड में पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाली द्रौपदी मुर्मू पहली राज्यपाल बनीं। झारखंड में अब तक का सबसे लंबा कार्यकाल द्रौपदी मुर्मू का रहा है। 18 मई 2015 को उन्हें झारखंड का राज्यपाल बनाया गया था। वह 6 साल से अधिक वक्त तक झारखंड की राज्यपाल रहीं। 



राजनीतिक जीवन में कोई चुनाव नहीं हारे!
रमेश बैस छत्तीसगढ़ से बीजेपी के दिग्गज नेता रहे हैं। वे 1978 में रायपुर नगर निगम के लिए चुने गए थे। 1980 से 1984 तक छत्तीसगढ़ विधान सभा के सदस्य भी रह चुके हैं। वे 1989 में रायपुर से पहली बार 9वीं लोकसभा के लिए चुने गए थे। रमेश बैस 11वीं, 12वीं, 13वीं, 14वीं, 15वीं तथा 16वीं लोकसभा में भी निर्वाचित हुए। रमेश बैस अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। वे अटल जी के करीबी रहे। रमेश बैस ने अपने राजनीतिक करियर में जितने भी चुनावों में हिस्सा लिया, किसी में भी पराजय का मुंह नहीं देखा। करियर में रमेश बैस ने कांग्रेस के कद्दावर नेता विद्याचरण शुक्ल और श्यामाचरण शुक्ल जैसे नेताओं को हराया। छत्तीसगढ़ के वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी 2009 में रमेश बैस हरा चुके है। 



पहले त्रिपुरा और अब झारखंड के राज्यपाल बने
लगातार चुनाव जीतने के बाद भी 2019 में उन्हें टिकट नहीं मिला। माना जा रहा था कि उन्हें साइडलाइन कर दिया गया है लेकिन, चुनाव के बाद उन्हें त्रिपुरा का राज्यपाल बनाया गया। रमेश बैस लाल कृष्ण आडवाणी के काफी करीबी माने जाते हैं। वे केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के भी काफी करीबी थे।  सुषमा स्वराज रमेश बैस को अपना भाई मानती थीं।