द फॉलोअप टीम रांची:
मौसम में सर्द हवाएं।
लेकिन साल भर पहले इस 23 दिसंबर को चुनाव परिणाम के नतीजों ने ही तपिश बख्शी थी। झारखंड
के उन नेताओं के लिए यह दिन इतिहास में दर्ज हो गया था। वे पहली-पहली बार विधायक बने थे। ऐसे भाग्यवानों की
संख्या 22 है। जिनमें 5 नेत्री शामिल हैं। वहीं कई युवा भी हैं। यूं तो झारखंड विधानसभा
में 81 विधायक होते हैं। उनकी विधायीकी के भी एक साल हुए, लेकिन हम खास फॉलोअप के
पाठकों के लिए उन चेहरों से रूबरू करा रहे हैं, जो पहली बार एमएलए
बने थे।
5 ऐसी महिलाएं पहली
बार बनी विधायक
अंबा
प्रसाद: बड़कागांव विधानसभा सीट से विधायक
कांग्रेस नेत्री अंबा प्रसाद की उम्र आज 28 साल होगी। करीब 27 साल की रही होंगी, जब पिछले साल वो आजसू कैंडिडेट रोशनलाल चौधरी को 30,140 मतों से हराकर पहली बार एमएलए बनी थीं।
पूर्णिमा नीरज सिंह: झरिया से कांग्रेस कैंडिडेट और रघुकुल घराने की बहु पूर्णिमा नीरज सिंह ने अपनी ही जेठानी रागिनी सिंह को शिकस्त देकर पहली बार झारखंड विधानसभा पहुंची।
ममता देवी: रामगढ़ सीट से कांग्रेस प्रत्याशी ममता देवी ने आजसू प्रत्याशी और कद्दावर नेता सुनीता चौधरी को हराकर पहली बार विधायक बनी थीं। आंदोलनकारी ममता जेल भी जा चुकी हैं।
दीपिका पांडेय
सिंह: कांग्रेस की दीपिका पांडेय सिंह ने महगामा से पहली बार चुनाव लड़ा था। और जीतकर
इतिहास रचा। उन्होंने भाजपाके अशोक कुमार को पराजित किया था।
पुष्पा देवी: भाजपा की टिकट पर पुष्पा देवी भी अपनी पहली कोशिश में विधानसभा पहुंचने में कामयाब रही थी। वो छतरपुर सीट से पहली बार विधायक बनीं।
ये 17 नए चेहरे जो बने थे पहली बार एमएलए
समरी लाल: बीजेपी के साधारण कार्यकर्ता के रूप में चर्चित समरी लाल ने अपनी जीत से सभी को हैरान कर दिया था। राजधानी रांची से सटी कांके सीट से उन्होंने जीत हासिल की।
मिथिलेश ठाकुर: झामुमो के टिकट पर गढ़वा सीट से पहली बार चुनाव जीतने वाले मिथिलेश ठाकुर ने बीजेपी प्रत्याशी को मात दी थी।
किसुन कुमार दास: सिमरिया सीट से किसुन कुमार दास पहली बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीते। उन्होंने आजसू के मनोज कुमार चंद्रा को हराया था।
लंबोदर महतो: पहली बार विधानसभा पहुंचने वालों में 53 साल के लंबोदर महतो भी हैं। उन्होंने बतौर आजसू कैंडिडेट गोमिया सीट से जेएमएम कैंडिडेट को मात दी थी।
राजेश कच्छप: कांग्रेस के राजेश कच्छप ने खिजरी सीट से बीजेपी के रामकुमार पाहन को हटा कर पहली बार जीत हासिल की और पहली बार विधायक बने।
संजीव सरदार: पोटका सीट से जेएमएम के संजीव सरदार पहली बार विधानसभा पहुंचे। उन्होंने बीजेपी की मेनका सरदार को शिकस्त दी थी।
रामेश्वर उरांव: बड़े पुलिस अधिकारी रहे रामेश्वर उरांव रिटायर होने के बाद राजनीति में आए। सांसद रहे। लेकिन पहली बार विधायक वो पिछले साल ही बने। कांग्रेस की टिकट परलोहरदगा सीट पर उन्होंने कांग्रेस के बागी नेता और बीजेपी कैंडिडेट सुखदेव भगत को मात दी थी।
दिनेश विलियम मरांडी: जेएमएम कैंडिडेट दिनेश विलियम ने बीजेपी के उम्मीदवार डेनियल किस्कू को लिट्टीपाड़ा सीट से हराया थ।
समीर कुमार मोहंती: झारखंड के बहरागोड़ा सीट पर चुनाव जीतकर समीर कुमार पहली बार विधानसभा पहुंचे। उन्होंने बतौर जेएमएम प्रत्याशी बीजेपी कैंडिडेट कुणाल षाडंगी को हराया था।
जिगा सुसारन होरो: सिसई सीट से जिगा सुसारन के टक्कर में विधानसभा के स्पीकर थ। यहां पर होरो ने तत्कालीन स्पीकर दिनेश उरांव को हराकर पहली बार विधानसभा में अपनी पारी सुनिश्चित की।
भूषण बाड़ा: पिछले ही साल भूषण बाड़ा कांग्रेस टिकट पर सिमडेगा सीट से जीत कर पहली बार विधायक बने। उन्होंने बीजेपी के श्रद्धानंद बेसरा को हराया था।
रामचंद्र सिंह: मनिका सीट से बतौर कांग्रेस कैंडिडेट जीतने वाले रामचंद्र सिंह पहली बार विधानसभा पहुंचे। उन्होंने बीजेपी के रघुपाल सिंह को हराया था।
सोनाराम सिंकू:
कांग्रेस उम्मीदवार सोनाराम सिंकू जगन्नाथपुर सीट से पहली बार विधायक बने।
सुदिव्य कुमार: झामुमो के सुदिव्य कुमार पहली बार विधानसभा पहुंचे। उन्होंने गिरिडीह सीट से बीजेपी के निर्भय कुमार शाहबादी को मात दी थी।.
मंगल कालिंदी: जमशेदपुर से सटे जुगसलाई सीट से मंगल कालिंदी पहली बार चुनावकर विधायक बने।.
शशिभूषण मेहता: पांकी सीट पर बीजेपी के शशिभूषण मेहता ने जीत दर्जकर पहली बार विधानसभा पहुंचने का रास्ता साफ किया।
इंद्रजीत महतो: सिंदरी सीट से बीजेपी के इंद्रजीत महतो पहली बार विधायक बने हैं. उन्होंने लेफ्ट के आनंद महतो को हराया था।