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ऑनलाइन और ऑफलाइन वर्कलोड आंखों के लिए बना खतरा, डिप्रेशन और तनाव के मरीज भी बढ़े

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द फॉलोअप टीम, रांचीः

कोरोना महामारी मे लगे लॉकडाउन के कारण लोगों की परेशानी बढ़ गई है। कोरोना के दरम्यान स्क्रीनिंग टाइम 40 गुणा बढ़ गया है। रोजाना रिम्स में नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में 1500 से ज्यादा मरीज इलाज के लिए के पहुंच रहे हैं। नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में हर दिन पहुंचने वाले औसत 100 मरीजों में 30 फीसदी मरीजों का विजन कम पाया जा रहा है। डॉक्टर राहुल प्रसाद ने बताया कि सिरदर्द और चिड़चिड़ापन से पीड़ित मरीज भी आ रहे हैं। 



रोजाना 20 नए मरीजों को लग रहा है चश्मा
रोजाना 20 नए मरीजों को चश्मा लग रहा है। ओपीडी के आंकडों के अनुसार बीते 15 दिनों मे 1150 के करीब मरीजों का इलाज किया गया हैं, जिनमें से 320 मरीजों को चश्मा लगाने की सलाह दी गई हैं। डॉ. राहुल प्रसाद ने मरीजों को सलाह दी है कि वे स्क्रीन को कम देखें। लगातार स्क्रीन में देखते रहने से परेशानी बढ़ने की आशंका बनी रहती है। डॉ. प्रसाद ने लोगों को सलाह दी है कि वे बार-बार अपनी पलकें झपकाएं। उन्होंने कहा कि आमतौर पर हमारी पलकें 18 से 20 बार झपकती है लेकिन स्क्रीन देखते वक्त ये कम हो जाता है। उन्होंने कहा कि थोड़ी-थोड़ी देर में पलकें झपकाएं। 



डॉक्टर्स ने दिया है 20-20-20 का अनोखा फॉर्मूला
डॉक्टर 20-20-20 नियम को फॉलो करने की सलाह देते हैं। इसमें आपको काम के दौरान हर 20 मिनट में 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर की किसी चीज को देखना है। इससे आंखों का मसल्स रिलैक्स होता है। नेत्र रोग विशेषज्ञों का ये भी मानना है कि लगातार एयर कंडीशनर में काम करने से ड्राइनेस की परेशानी बढ़ सकती है। अगर एसी के बीच काम कर रहे हैं, तो थोड़ी-थोड़ी देर पर ब्रेक लें। इसके अलावा कमरे की लाइटों को बंद कर काम न करें। हमेशा रोशनी के बीच ही काम करें।



तनाव और सिरदर्द के मरीजों की संख्या बढ़ी है
डॉ. राहुल प्रसाद के अनुसार, कोरोना से पहले की तुलना में कोरोना के बाद लोगों का स्क्रीन टाइम 40 गुणा से ज्यादा बढ़ गया है। लाइफस्टाइल भी बदला है जिससे आंखों में परेशानी शुरू हुई है। मेडिसीन के एचओडी डॉ. उमेश प्रसाद के अनुसार, कोरोना के बाद लोगों में सिरदर्द की परेशानी ज्यादा बढ़ी है। इसका प्रमुख कारण ऑनलाइन वर्क और ऑफलाइन वर्कलोड दोनों है। साइकियाट्रिक ओपीडी में रोजाना 12 से 15 मरीज डिप्रेशन और तनाव की समस्या लेकर आ रहे हैं। इसके अलावा कोरोना के बाद कार्डियोलॉजी में हार्ट के मरीजों की संख्या भी बढ़ी है।

ओपीडी में नहीं हो रहा कोविड गाइडलाइन का पालन
कोरोना महामारी के गाइडलाइन को देखते हुए ओपीडी के संचालन ने निर्देश दिया हैं कि हर एक घंटे में ओपीडी के लिए किसी भी परिस्थितिं में 10 से ज्यादा पर्चे नहीं काटने है। हालांकि रिम्स में भीड़ और ओपीडी के आंकड़ों से जाहिर है कि गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है। जहां 60 मरीजों को ही ओपीडी में देखना है  वहां100 से ज्यादा मरीजों की पर्ची काटी जा रही है। डॉक्टर्स बगैर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किए उन्हें परामर्श दे रहें है। ओपीडी के बाहर लोगों की लाइन में भी शारीरिक दूरी का पालन नहीं किया जा रहा हैं। इससे संक्रमण बढ़ने की आशंका बनी रहती है।