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‘जन जातीय गौरव दिवस’ के नाम पर आदिवासियत की पहचान को खत्म करने का प्रयास: दीपंकर भट्टाचार्य

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द फॉलोअप टीम, रांची:

भाकपा माले के राष्ट्रिय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने जिस कंपनीराज के खिलाफ बिरसा मुंडा ने उलगुलान किया था, आज प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी झारखण्ड समेत देश के आदिवासियों के जल, जंगल, ज़मीन और उनके खनिज व प्राकृतिक संसाधनों को अडानी-अम्बानी कॉर्पोरेट कंपनियों के हवाले कर नए सिरे से कंपनी राज थोप रहे हैं। बिरसा मुंडा जयंती को भी ‘जन जातीय गौरव दिवस’ मनाने के नाम पर आदिवासियत की पहचान को नहीं रहने देना चाहते हैं। ऐसे में तमाम मुद्दों पर जारी संघर्षों के बड़े समन्वय और बड़ी लड़ाई की ज़रूरत है। जिसे विकसित करने और आन्दोलन को बल पहुंचाने में उनकी पार्टी हर स्तर पर मजबूत सहयोगी की भूमिका निभाएगी। वह आज बगइचा (नामकोम) में  हुए आदिवासी अधिकार कन्वेंशन में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। जिसका आयोजन बिरसा मुंडा की जयंती पर झारखण्ड समेत देश भर में जारी आन्दोलनों के बीच समन्वय हेतु गठित ‘आदिवासी संघर्ष मोर्चा ‘ ने किया था। जिसमें झारखण्ड, ओड़िसा, असम, कर्णाटक, गुजरात, छात्तीसगढ़, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल समेत 14 राज्यों के 150 से अधिक आदिवासी प्रातिनिधियों ने भाग लिया। कन्वेंशन की शुरुआत बिरसा मुंडा की मूर्ति पर माल्यार्पण और झारखण्ड जन संस्कृति मंच के  उलगुलान गीत से हुई।   

 

आन्दोलनकारी दयामनी बारला ने कहा कि बिरसा मुंडा उलगुलान से भी अधिक चुनौतीपूर्ण स्थिति बनायी जा रही है। प्रधानमंत्री मन की बात में बिरसा मुंडा का गुणगान और ‘जन जातीय गौरव ‘ की बात करते हैं, तो दूसरी ओर, आदिवासियों की ज़मीनों को डिजिटल इंडिया के नाम पर ड्रोन सर्वे के जरिये हड़पने की साजिश भी चला रहे हैं। आदिवासी बुद्धिजीवी प्रेमचंद मुर्मू ने कहा कि सभी अधिकारों के प्रति जागरूकता और एकजुटता बढ़ानी होगी। कन्वेंशन की ओर से देवकी नंदन बेदिया ने आदिवासी मुद्दों का प्रस्ताव पत्र प्रस्तुत किया। जिसपर झारखण्ड से वाल्टर कंडूलना, जेरोम जेराल्ड व गौतम सिंह मुंडा के अलावे विभिन्न राज्यों के दर्जनों प्रतिनिधियों ने विचार रखे।

 


सम्मलेन से देशव्यापी आदिवासी आन्दोलन के 30 सूत्री मुद्दों का चार्टर पारित कर आन्दोलन की रूप रेखा तय की गयी। सञ्चालन के लिए प्रतिमा इन्ग्पी व रवि फान्चो ( कार्बी आन्गालंग,असम ), तिरुपति गोमंगो ( ओड़िसा ) , सुमंती तिग्गा ( चाय बगान, सिलीगुड़ी) , देवकी नंदन बेदिया और जेवियर कुजूर को अध्यक्ष मंडल का सदस्य चुना गया। 19 सदस्यीय राष्ट्रिय संयोजन समिति, 41 सदसीय राष्ट्रिय परिषद् का चुनाव किया। असम के डा. जयंत रंगपी, प्रेमचंद मुर्मू व वाल्टर कंडूलना समेत 5 सदसीय राष्ट्रिय सलाहकार मंडल तथा सॉलीडिरीटी टीम का गठन किया गया। चर्चित फिल्मकार श्रीप्रकाश निर्मित महेंद्र सिंह पर आधारित डाक्युमेंटरी फिल्म भी दिखाई गई। जानकारी जसम के अनिल अंशुमन ने दी।