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डोभा योजना के लाभुक का गंभीर आरोप, पदाधिकारियों ने बिचौलियों के साथ मिलकर किया राशि का गबन

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गोपी कुमार सिंह, लातेहार: 

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मनरेगा योजना के तहत डोभा निर्माण को अपने कार्यकाल में प्रमुख प्राथमिकता दी थी। उस दौरान भी योजना घोटालों का केंद्र बनी हुई थी और आज भी स्थिति ज्यों की त्यों है। लातेहार जिले के गारू प्रखंड अंतर्गत धांगरटोला पंचायत के सुरकुमी गांव निवासी डोभा योजना संख्या 7080 901405117 के लाभुक नरेश सिंह ने डोभा निर्माण कार्य मे लगे मजदूरों के लगभग 85000 हजार रुपये मजदूरी राशि गबन करने का आरोप लगाया है।

डोभा निर्माण की मजदूरी की फर्जी निकासी
इस संबंध में लाभुक नरेश सिंह ने बताया कि वर्ष 2020-21 में मेरे नाम से मनरेगा के तहत एक डोभा निर्माण की स्वीकृति मिली थी। जिसका निर्माण कार्य पूर्ण किये हुए डेढ़ साल से अधिक समय हो गया है, लेकिन डोभा के निर्माण कार्य मे लगे मजदूरों की मजदूरी का भुगतान नही हुआ है। जबकि उक्त राशि की फर्जी निकासी बिचौलियों के द्वारा रोजगार सेवक एवं मनरेगा के अन्य प्रखंडकर्मियों की मिली-भगत से कर ली गयी है। 

अब पारिश्रमिक मांग रहे हैं मनरेगा मजदूर
लाभुक ने बताया कि डोभा निर्माण कार्य मे लगे मजदूर हमसे मजदूरी देने की मांग कर रहे है, जबकि लाभुक को मजदूरों की राशि फर्जी तरीके से निकासी की ख़बर भी बहुत बात में हुई थी। लाभुक ने इस पूरे मामले पर चौंका देने वाला खुलासा किया है। इस खुलासे के बाद पंचायत के रोजगार सेवक समेत मनरेगा के कई अन्य कर्मियों की इस घोटाले में भूमिका संदिग्ध लग रही है। दरअसल लाभुक ने बताया कि जिन मजदूरों ने उक्त डोभा निर्माण के कार्य मे मजदूरी का काम किया था। ऐसे मजदूरों को राशि भुगतान न करके गारू बाजार के कुछ लोगों के नरेगा आईडी में पैसे भेजे गये है। लाभुक नरेश सिंह ने बताया कि गारू के मनोज प्रसाद, सलाउद्दीन खलीफा, गौतम कुमार, कृष्णा कुमार, सूरज प्रसाद समेत ऐसे 20 लोगो के मनरेगा आईडी में फर्जी भुगतान किया गया है।

मनरेगा योजना में घोटाले की बड़ी सूचना
गारू प्रखंड में लगातार मनरेगा घोटाले का मामला प्रकाश में आ रहा है उससे ये तो साफ़ है कि मनरेगा के तहत मजदूरों को काम देने का दावा पूरी तरह खोखला है। सुखी सम्पन्न लोग गांव के भोले-भाले ग्रामीणों के हक़ पर सेंधमारी कर अपनी तिजोरी भर रहे हैं। इस बात का उदाहरण 17/4/2021 की तारीख है। दरअसल इस तारीख़ को देश के जाने-माने अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज और उनकी टीम ने लातेहार जिला के मानिका प्रखंड में कई योजनाओं का जायजा लिया था। 

लूट औऱ घोटाले का केंद्र बनी मनरेगा योजना
उस जायजा में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आये थे। जहां मजदूरों को काम देने का दावा खोखला नज़र आया था। टीम का मानना था कि राज्य में मनरेगा योजना लूट का केंद्र बन गया है। बहरहाल लाभुक नरेश सिंह ने लातेहार डीसी अबू इमरान से इस पूरे मामले की जांच करवाते हुए दोषियों पर कारवाई करने की मांग की है।