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मोदी सरकार के विरुद्ध विपक्षी दलों ने कसी कमर, 20 से 30 सितंबर तक देशभर में करेंगे प्रदर्शन 

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द फॉलोअप टीम, दिल्ली:

मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों में एकता केलिए लगातार कवायद जारी है। कांग्रेस भी इससिलसिले में सक्रिय हो चुकी है। पिछले दिनों राहुल गांधी की अगुवाई में भी प्रदर्शन हो चुके हैं। अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को विपक्षी दलों के नेताओं के साथ वर्चुअल मीटिंग की। इस वर्चुअल बैठक में देश के राजनीतिक हालात और विपक्ष की भावी रणनीति पर चर्चा हुई। कांग्रेस समेत 19 दलों की बैठक में कई मुद्दों पर सहमति बनी है और विपक्ष ने सरकार के सामने 11 सूत्रीय मांग रखी है। बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि हमारा अंतिम लक्ष्य 2024 के लोकसभा चुनाव है, स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों में विश्वास करने वाली सरकार देने के लिए व्यवस्थित रूप से योजना बनानी होगी। यह बैठक करीब तीन घंटे चली। 20 से 30 सितंबर तक विभिन्न मांगों को लेकर देशभर में प्रदर्शन का एलान किया गया। 

 


 
एकता के लिए कांग्रेस प्रतिबद्ध

सोनिया गांधी ने दलों से एक जुट होने की मांग की है और कहा है कांग्रेस अपनी तरफ से कोई कमी नहीं रखेगी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने भी विपक्षी दलों का आह्वान किया कि देश के लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बचाने के लिए सभी को एकजुट होकर काम करना होगा।  सोनिया गांधी ने कहा ‘‘मुझे भरोसा है कि यह विपक्षी एकजुटता संसद के आगे के सत्रों में भी बनी रहेगी। परंतु व्यापक राजनीतिक लड़ाई संसद से बाहर लड़ी जानी है।’’

 

ममता बोलीं, नेतृत्व का फैसला चुनाव बाद

इस बैठक की खास बता यह रही कि इसमें टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी भी शामिल रहीं।  उन्होंने सुझाव दिया कि विपक्ष के नेताओं का एक कोर ग्रुप बनना चाहिए, जो कि साझा कार्यक्रमों और आंदोलनों पर निर्णय कर सकें। साथ कहा कि नेतृत्व का फैसला चुनाव बाद होगा। वहीँ लंबे अरसे बाद विपक्ष की साझा बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अलावा कांग्रेस नेता राहुल गांधी, झासरखंड के सीएम हेमंत सोरेन भी शामिल हुए। सभी दलों के नेताओं ने साझा बयान में संसद के मानसून सत्र में पेगासस मामले में चर्चा से इनकार करने, किसान विरोधी कानूनों को रद्द नहीं करने, कोविड-19 प्रबंधन में नाकामी और बढ़ती महंगाई को लेकर सरकार की निंदा की गई।

 


 

सरकार से विपक्ष की ये मांग 

बैठक के बाद साझा बयान में कृषि कानून वापस लेने की मांग करते हुए कहा गया कि सभी 19 दल 20 से 30 सितंबर तक पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करेंगे। ये हैं प्रमुख मांगे:
-जम्मू-कश्मीर में सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा किया जाए। 
-जम्मू-कश्मीर कैडर सहित पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करें। 
-राज्य में जल्द से जल्द स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराएं।
-किसानों को  न्यूनतम समर्थन मूल्य की अनिवार्य गारंटी दी जाए। 
-भीमा कोरेगांव मामले और सीएए का विरोध करने वाले राजनीतिक बंदियों को रिहा करें।

आप और बसपा को छोड़ इन दलों के नेता हुए शामिल

इस बैठक में कांग्रेस, टीएमसी, द्रमुक, एनसीपी, शिवसेना, झारखंड मुक्ति मोर्चा, माकपा, भाकपा, नेशनल कांफ्रेंस, राजद, एआईयूडीएफ, विदुथलाई चिरुथाईगल कताची, लोकतांत्रिक जनता दल, जेडीएस, आरएलडी, आरएसपी, केरल कांग्रेस एम, पीडीपी और आईयूएमएल के प्रतिनिधि शामिल रहें।