हजारीबाग:
प्राचीन समय ऋृषि-मुनी बच्चों को उंच्च शिक्षा देकर उन्हें ज्ञानवान भी बनाते थे। इसके अलावा सुदृढ़ बनाने का प्रयास किया जाता था। लेकिन अब 21वीं सदी में शिक्षा के तकनीकीकरण पर जोर है। बदलते समय इसकी जरूरत भी है। झारखंड के हजारीबाग में बच्चे वैज्ञानिक ढंग से पढ़ाई कर रहे हैं, जो उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मदद करेगा। खबर हाजारीबाग सरस्वती शिशु विद्या मंदिर की है, जहां अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना की गई है।
इस लैब की स्थापना में सांसद जयंत सिन्हा की अहम भूमिका है। इस इनोवेटिव मिशन को प्रोफेसर तरुण खन्ना ने डिजाइन किया है। वह हावर्ड यूनिवर्सिटी में साउथ एशिया ब्लॉक चलाते हैं। जयंत सिन्हा ने 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वीकृति के बाद इस मिशन में काम शुरू कर दिया है।
इस लैब के बनाने का मुख्य उद्देश्य
इसका मकसद बच्चों और युवाओं में वैज्ञानिक सोच को विकसित करना है। साथ ही 3डी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स से तकनीकी उचित ज्ञान का मार्ग दर्शन कराना है ताकि बच्चों में वैज्ञानिक स्वभाव, नवाचार, रचनात्मकता का विकास हो। फिलहाल दो निजी स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब बने हैं। शिक्षकों का कहना है कि अटल टिंकरिंग लैब मील का पत्थर साबित होगा।
चाइनीज डिवाइस को देंगे मात
छठी क्लास से लेकर दसवीं क्लास तक के छात्रों को सिलेबस बनाकर कई महत्वपूर्ण जानकारी दी जाती है। छात्रों ने बताया कि वर्तमान समय में चाइनीज लाइट हर एक घरों में दिखती है। लोग चाइनीज समानों का व्यापार कर अपनी कमाईं करते हैं। एक छात्र ने एक ऐसी डिवाइस बनाई है, जिसका उपयोग कर चाइनीज लाइट को मात दी जा सकती है। इसक प्रकार इस इनोवेशन मिशन से बच्चे आत्मनिर्भर बन रहे हैं।