द फॉलोअप डेस्क
दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में 9 मार्च को भारत और न्यूजीलैंड के बीच ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का फाइनल खेला जाएगा। यह सिर्फ एक मैच नहीं होगा, बल्कि यह क्रिकेट इतिहास का एक बड़ा पल होगा। इसका कारण है कि भारत के लिए यह मुकाबला साल 2000 में न्यूजीलैंड से मिली हार का बदला लेने का सुनहरा मौका है। इसके लिए कप्तान रोहित शर्मा और उनकी टीम पूरी तरह से तैयार हैं, लेकिन असली सवाल यह है कि दुबई की पिच इस अहम मुकाबले में किसकी मदद करेगी।
भारत का शानदार प्रदर्शन
बता दें कि भारतीय टीम ने इस टूर्नामेंट के सभी मुकाबले दुबई में खेलकर जीते हैं, जिससे उनकी ताकत और आत्मविश्वास दोनों बढ़े हैं। वहीं, न्यूजीलैंड ने 5 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई। इसके बाद 6 फरवरी को दुबई पहुंची। अब दोनों टीमें 9 मार्च को फाइनल में एक-दूसरे से भीड़ने के लिए तैयार हैं। इस मैच के लिए एक सेमिफ्रेश पिच का उपयोग किया जाएगा, जो वही पिच होगी जो इंडिया और पाकिस्तान के मुकाबले में इस्तेमाल की गई थी।दुबई की पिच पर किसे मिलेगा फायदा
बताया जा रहा है कि दुबई की पिच अब तक बल्लेबाजों के लिए चुनौतीपूर्ण रही है और स्पिन गेंदबाजों के लिए जन्नत साबित हुई है। हालांकि, इस पिच का रंग कब और कैसे बदल सकता है, यह कहना मुश्किल है। पिच रिपोर्ट के मुताबिक, गेंदबाजों को यहां मदद मिल सकती है, विशेष रूप से स्पिनर्स को और तेज गेंदबाजों को उछाल मिलेगा। जबकि बल्लेबाजों को यहां शॉट्स खेलने में कठिनाई हो सकती है, और टिककर खेलने वाले खिलाड़ी ही सफल हो सकते हैं। इस टूर्नामेंट में भारत ने 265 रन के लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा किया है, जो कि उनके दमदार खेल को दर्शाता है।
क्या है भारत और न्यूजीलैंड की स्थिति
जानकारी हो कि दुबई में भारत का रिकॉर्ड शानदार रहा है। यहां टीम इंडिया ने 10 में से 9 मैच जीते हैं और एक मैच टाई हुआ है। वहीं, न्यूजीलैंड ने यहां 3 मैच खेले हैं, जिसमें से 2 में हार और 1 मैच बेनतीजा रहा है। भारत का रिकॉर्ड देखकर ऐसा लगता है कि न्यूजीलैंड के लिए यह चुनौती और भी कठिन हो सकती है।
भारत और न्यूजीलैंड की ताकत
मालूम हो कि भारत के पास कुलदीप यादव, रवींद्र जडेजा और वरुण चक्रवर्ती जैसे घातक स्पिनर्स हैं, जो दुबई की धीमी पिच पर कहर बरपा सकते हैं। वहीं, न्यूजीलैंड की ताकत मिशेल सेंटनर और रचिन रवींद्र में है। ऐसे में यह देखना रोमांचक होगा कि क्या वे भारतीय गेंदबाजी का तोड़ निकाल पाएंगे। इसके साथ ही इस मैच में टॉस भी अहम साबित हो सकता है, क्योंकि पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम को बड़ा फायदा मिल सकता है।
25 साल पुराना बदला लेने उतरेगा भारत
वहीं, भारत के लिए यह मुकाबला 2000 के फाइनल में न्यूजीलैंड से मिली हार का बदला लेने का मौका है। उस समय न्यूजीलैंड ने भारत को हराकर चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी। अब रोहित शर्मा की टीम इस कड़वी याद को मिटाने के लिए मैदान पर उतरेगी। हालांकि, इस बात का फैसला 9 मार्च को होगा कि रोहित शर्मा के नेतृत्व में टीम 25 साल पुराना बदला ले पाती है या नहीं।
ये हो सकती है भारत और न्यूजीलैंड की टीम
भारत- रोहित शर्मा (कप्तान), शुबमन गिल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, अक्षर पटेल, केएल राहुल (विकेटकीपर), हार्दिक पंड्या, रवींद्र जड़ेजा, हर्षित राणा, मोहम्मद शमी, कुलदीप यादव, ऋषभ पंत, वाशिंगटन सुंदर, वरुण चक्रवर्ती, अर्शदीप सिंह।
न्यूजीलैंड- मिशेल सेंटनर (कप्तान), माइकल ब्रेसवेल, मार्क चैपमैन, डेवोन कॉनवे, काइल जैमीसन, मैट हेनरी, टॉम लैथम (विकेटकीपर), डेरिल मिशेल, विल ओ’रूर्के, ग्लेन फिलिप्स, रचिन रवींद्र, नाथन स्मिथ, केन विलियमसन, विल यंग, जैकब डफी।