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4 बच्चों के साथ घर से निकाला, किडनी तक बेच दी! पहलवान विकास की मां का संघर्ष आपको रुला देगा

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द फॉलोअप डेस्क
झारखंड के विकास कच्छप ने U-17 सब जूनियर एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में भारत को कांस्य पदक दिलाया है। यह कारनामा करने वाले विकास झारखंड के पहले पहलवान बने हैं। विकास की इस सफलता के लिए उनकी मां ने काफी संघर्ष किया है। विकास की मां मोरहाबादी स्थित हॉकी स्टेडियम में झाड़़ू-पोंछा का काम करती हैं। द फॉलोअप से बात करते हुए विकास की मां ने अपने संघर्ष की कहानी सुनाई। उन्होंने बताया कि पति के निधन के बाद 4 बच्चों के साथ उन्हें घर से निकाल दिया गया। इतना ही नहीं! धोखे से उनकी एक किडनी तक बेच दी गई। 


बहन-बहनोई ने बेहोश कर बेच दी किडनी 
विकास की मां सुखमनी तिर्की ने बताया कि 2008 से वह स्टेडियम में झाड़ू-पोंछा लगाने का काम कर रही हैं। उन्होंने अपने संघर्ष की कहानी बताते हुए कहा कि विकास जब 15 दिन का था तब पिता का निधन हो गया था। पति की मौत के बाद सुखमनी को उनके परिवार ने घर से निकाल दिया। मायके में भी जगह नहीं मिली। इसके बाद वह अपने 4 बच्चों के साथ रांची आ गईं। उन्होंने बताया कि उनकी एक ही किडनी है। सुखमनी ने कहा कि साल 2010 में उनकी तबीयत बिगड़ी थी। उन्होंने अपनी बहन को इलाज के लिए ले जाने को कहा था। उन्होंने अपनी बहन पर उनकी किडनी बेचने का आरोप लगाया है। सुखमनी ने कहा कि उनके बहन-बहनोई ने बेहोश करके किडनी बेच दी।


सरकार की मदद से हासिल की उपलब्धि 
सुखमनी ने आगे कहा कि बेटे ने देश के लिए जो पदक जीता है,उससे मैं बहुत खुश हूं। सरकार की मदद से मेरे बेटे ने आज ये उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने बताया कि JSSPS में ट्रेनिंग करके यह कारनामा विकास ने किया है। इसके साथ ही बताया कि उन्होंने बचपन से विकास को खिचड़ी और सलाद खिलाकर पाला है। पैसे के अभाव में बच्चों को अच्छा खाना नहीं दे पाती थी। 

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