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मां जिस स्टेडियम में लगाती हैं झाड़ू, वहीं प्रैक्टिस कर बेटे ने देश के लिए जीता मेडल

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द फॉलोअप डेस्क
खेल जगत से रविवार को झारखंड को बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल हुई। झारखंड के विकास ने U-17 सब जूनियर एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में भारत को कांस्य पदक दिलाया है।  यह कारनामा करने वाले विकास झारखंड के पहले पहलवान बने हैं।दरअसल, यह उपलब्धि विकास को आसानी से नहीं मिली है। इसके पीछे उनकी और उनसे ज्यादा विकास की मां का संघर्ष हैं। बता दें कि विकास ने जिस स्टेडियम में प्रैक्टिस कर यह मेडल जीता है, उनकी मां वहां झाड़ू-पोछा करती है। 


विकास की मां अब भी करती हैं झाड़ू-पोछा
अंडर 18 सब जूनियन एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक विजेता विकास कच्छप की मां अब भी रांची के मोरहाबादी स्थित हॉकी स्टेडियम में झाड़़ू-पोछा का काम करती हैं। विकास के कोच बबलू कुमार ने बताया कि हॉकी स्टेडियम के कई वर्षों से झाड़ू पोछा करने वाली सुखमनी तिर्की के चार बच्चे हैं। विकास के पिता का निधन हो गया है। उनके जाने के बाद विकास की मां ने अपने बच्चों को बहुत मुश्किलों से पाला। लेकिन अब जो उनके बेटे ने उन्हें सम्मान दिलाया है, वह सारी मुश्किलें खत्म कर देने वाला है। 


मेहनत के दम पर JSSPS पहुंचा
विकास के कोच बबलू कुमार ने बताया कि सुखमनी काम करने के दौरान एक दिन अपने अपने पुत्र विकास को लेकर स्टेडियम पहुंची, जहां खेल पदाघिकारी भोला सिंह की नजर उस पर पड़ी। बाद में भोला सिंह के प्रयास  और विकास की मेहनत के दम पर उसका चयन जेएसएसपीस में हो गया। जेएसएसपीएस में चयन होने के बाद उसके रहने, खाने-पीने और प्रशिक्षण की सारी जिम्मेदारी सरकार ने उठाई। विकास ने कुछ ही महीनों की मेहनत में कई प्रतियोगिता में पदक हासिल किया।
 

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