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बिहार : हाईकोर्ट ने नौकरशाही रवैये को लेकर शिक्षा विभाग को लगाई फटकार, क्या कहा ABVP ने     

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पटना 

हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग, बिहार सरकार के द्वारा विश्वविद्यालयों में नौकरशाही रवैये को लेकर फटकार लगाई है। बता दें कि वेतन और पेंशन को लेकर विश्वविद्यालयों एवं शिक्षा विभाग के बीच गतिरोध चल रहा है। तीन-चार महीनों से विश्वविद्यालय कर्मियों को वेतन एवं पेंशन नहीं मिलने से कर्मियों की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो गई है। इस गतिरोध को खत्म करने के लिए विश्वविद्यालयों को पटना उच्च न्यायालय की शरण में जाना पड़ा। पटना उच्च न्यायालय ने इस गतिरोध को आपसी सामंजस्य से खत्म करने के लिए विश्वविद्यालयों एवं शिक्षा विभाग के बीच बैठक करवाना सुनिश्चित किया था। परंतु, इस बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव उपस्थित नहीं हुए। बैठक तो हुई परंतु कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। उच्च न्यायालय के आदेशानुसार शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के खातों को डिफ्रीज तो कर दिया परंतु उनके पीएल खातों में पैसा ही नहीं भेजा। इससे विश्वविद्यालयों के कर्मियों का वेतन एवं पेंशन का भुगतान प्रभावित हुआ। उच्च न्यायलय के आदेश को अवमानना करके शिक्षा विभाग ने फिर से बिहार के 3 विश्वविद्यालयों के खातों के संचालन पर रोक लगा दी। साथ ही, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति का वेतन रोक दिया। 

अभाविप ने किया स्वागत 

अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ला ने उच्च न्यायालय के इस निर्णय का स्वागत किया है और आशा व्यक्त की है कि जल्द ही शिक्षा विभाग का विश्वविद्यालयों के प्रति रवैए में सकारात्मक परिवर्तन होगा। इससे बिहार की उच्च शिक्षा से जुड़े छात्रों का भविष्य संवारा जा सकेगा। शुक्ला ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग के डायरेक्टर एवं सचिव को यह अधिकार प्राप्त नहीं है कि वे विश्वविद्यालयों के कुलपति के मीटिंग की अध्यक्षता करें। यह हास्यास्पद है कि बिहार के शिक्षा विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव अपने पत्रों के माध्यम से कुलपतियों को हटाने की बात करें। कहा, पटना उच्च न्यायालय का आज का आदेश इन सभी अधिकारियों को अपने अधिकार क्षेत्रों में कार्य करने के संबंध में आईना दिखाने का काम किया है। 

25 जून को होगी अगली सुनवाई 

बता दें कि पटना उच्च न्यायालय ने 17.05.2024 को इस विषय पर पुनः सुनवाई की। उच्च न्यायालय ने शिक्षा विभाग को आदेश दिया कि सभी विश्वविद्यालयों के कर्मियों को पिछले वित्तीय वर्ष में स्वीकृत वेतन एवं पेंशन की राशि 10 दिनों के अंदर भुगतान करे। अन्यथा शिक्षा विभाग के आला अधिकारी का भी वेतन रोका जायेगा। इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 25.06.2024 तय की गई है। 

क्या कहा याज्ञवल्क्य शुक्ला ने 

अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ला ने आगे कहा, आज बिहार की शिक्षा व्यवस्था बदलाव के दौर से गुजर रही है। आवश्यकता है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी सहयोग एवं समन्वय की भावना से कार्य करें। माननीय कुलाधिपति महोदय इस दिशा में अभूतपूर्व कार्य कर रहे हैं। शिक्षा विभाग को यह समझना होगा कि संवाद, समन्वय एवं सहकार्य के आधार पर ही बिहार की उच्च शिक्षा को मुकाम दिया जा सकता है। 

 

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Tags - ABVP High CourtbureaucraticBIHAR NEWS