द फॉलोअप डेस्क
सड़क पर सुरक्षित यातायात सुनिश्चित करने और प्रदूषण नियंत्रण के उद्देश्य से परिवहन विभाग ने 15 साल पुरानी गाड़ियों के बिना री-रजिस्ट्रेशन के परिचालन पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने सभी जिला परिवहन पदाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि 15 साल पुरानी गाड़ियों का संचालन बिना री-रजिस्ट्रेशन के नहीं किया जाए।
राज्य सरकार ने 15 साल से अधिक पुरानी गाड़ियों के बिना री-रजिस्ट्रेशन के परिचालन को अवैध घोषित कर दिया है। यह कदम सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने, प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने और पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से उठाया गया है। पुरानी गाड़ियां अधिक प्रदूषण फैलाती हैं और सुरक्षा मानकों को पूरा नहीं करतीं, जिससे सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ता है।
भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना (सं0-29 (अ), 16 जनवरी 2023) के अनुसार, 15 साल पुराने सरकारी वाहनों का निबंधन अमान्य कर दिया जाएगा और उनका पुनर्निबंधन संभव नहीं होगा। इस नीति के तहत सभी बोर्ड, निगम और राज्य सरकारी उपक्रमों के वाहन भी शामिल हैं। इन वाहनों का निष्पादन मोटर वाहन स्क्रैपिंग नियम 2021 के तहत किया जाएगा।
जो वाहन निर्धारित समय सीमा के बाद भी बिना रजिस्ट्रेशन चलाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिला परिवहन पदाधिकारी, अपर जिला परिवहन पदाधिकारी, एमवीआई और ईएसआई द्वारा विशेष अभियान चलाकर ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 15 साल पुरानी गाड़ियों को जब्त किया जा सकता है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
राज्य में 15 साल पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करने के लिए एक नई नीति लागू की गई है। इसके तहत पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप कराने के बाद, नए निजी वाहनों की खरीद पर 25% और व्यावसायिक वाहनों की खरीद पर 15% टैक्स में छूट दी जाएगी। इसके अलावा, लंबित टैक्स और पेनाल्टी पर 90% से 100% तक की छूट दी जाएगी। यह कदम सड़क सुरक्षा, प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से महत्वपूर्ण साबित हो सकता है और इससे सड़क पर सुरक्षा में सुधार होने की संभावना है।