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BIHAR : 9 बार विधायक रहे रमई राम का निधन, तेजस्वी सहित कई राजनेताओं ने दी श्रद्धांजलि

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पटना:

बिहार (Bihar) के पूर्व मंत्री रमई राम (Former Minister Ramai Ram) का निधन हो गया है। वे पिछले कुछ दिनों से खराब सेहत की समस्या से जूझ रहे थे। हालत बिगड़ने पर दो दिन पहले उन्हें पटना स्थित मेदांता अस्पताल(Medanta Hospital) में भर्ती करवाया गया। जहां गुरूवार को उनका निधन हो गया। बता दें कि रमई राम बोचहां विधानसभा सीट से कई बार विधायक रहे हैं। उनके मौत के बाद राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर है। कई मंत्रियों और नेताओं ने उनके मौत पर शोक जताया है।

एक कर्मठ और समर्पित राजनेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता
रमई राम की गिनती बिहार के दिग्गज नेताओं में की जाती है। उनके निधन पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शोक जताया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि, वरिष्ठ समाजवादी नेता, पूर्व मंत्री और 9 बार विधायक रहे आदरणीय श्री रमई राम जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। वो एक कर्मठ और समर्पित राजनेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता थे। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति एवं परिवार को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करे। ॐ शांति ॐ

एक अपूरणीय क्षति
बिहार के स्वाषस्य्को  मंत्री मंगल पांडेय  ने भी दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि, बिहार सरकार के पूर्व मंत्री श्री रमई राम जी का निधन के समाचार से मन दुःखी है। उनका निधन बिहार की राजनैतिक और सामाजिक जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें व उनके परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति दें। विनम्र श्रद्धांजलि!


जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने ट्वीट कर लिखा है कि, बिहार सरकार के पूर्व मंत्री श्री रमई राम जी के निधन की दुःखद खबर मिली है। उनका संपूर्ण जीवन दलित उत्थान के लिये समर्पित रहा है। उनके निधन से राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। भगवान दिवंगत आत्मा को शांति एवं शोक-संतप्त परिजनों को संबल प्रदान करें। 

 

बोचहां विधानसभा सीट से कई बार विधायक
बता दें कि रमई बोचहां सीट से तीन बार राजद के टिकट, एक बार जेडीयू के टिकट, दो बार जनता दल के टिकट और इसके अलावा तीन अन्य दलों के प्रत्याशी के रूप में विधायकी का चुनाव जीत चुके हैं। इसके साथ ही वह 5 बार बिहार में मंत्री भी रहे हैं। हालांकि, साल 2015 और 2020 में लगातार दो बार उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। 2015 में निर्दलीय प्रत्याशी बेबी कुमारी ने उन्हें सियासी पटखनी दी तो वहीं 2020 में विकासशील इंसान पार्टी के मुसाफिर पासवान के हाथों उन्हें हार झेलनी पड़ी थी।