द फॉलोअप डेस्क
बिहार में शिक्षा विभाग द्वारा अब तक की सबसे कड़ी निगरानी शुरू की गई है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने आज से फोन और वीडियो कॉल के माध्यम से स्कूलों में शैक्षिक गतिविधियों की जांच शुरू कर दी है। इस पहल का पहला शिकार बने पूर्वी चंपारण जिले के हरसिद्धी प्रखंड के जीएमएस मुरारपुर के शिक्षक रितेश कुमार वर्मा, जो स्कूल छोड़कर दुकान पर बैठे पाए गए।
आज एस. सिद्धार्थ ने फोन के जरिए रितेश कुमार वर्मा से संपर्क किया। फोन करते ही उन्होंने शिक्षक से पूछा, "हेलो, रितेश कुमार वर्मा जी बोल रहे हैं?" शिक्षक ने जवाब दिया, "जी सर।" इसके बाद एस. सिद्धार्थ ने पूछा, "रितेश जी आप स्कूल में हैं?" शिक्षक ने उत्तर दिया, "सर, 2 मिनट में आ रहे हैं, सर दुकान पर हैं।" यह सुनकर एस. सिद्धार्थ ने हैरान करते हुए पूछा, "स्कूल की बजाय दुकान पर क्या कर रहे हैं?" शिक्षक ने फिर से कहा, "सर, आ रहे हैं।"
जब एस. सिद्धार्थ ने शिक्षक से पूछा कि क्या उन्हें बच्चों को पढ़ाने में मन नहीं लग रहा है, तो शिक्षक ने जवाब देने में कठिनाई महसूस की। अपर मुख्य सचिव ने शिक्षक से पूछा कि क्या वह समय पर स्कूल में अटेंडेंस लगाकर गायब हो गए हैं और घर से भाग गए हैं। शिक्षक ने कहा, "नहीं, सर, अब स्कूल आ गया हूं। दूसरे शिक्षक से बात कराइए।"
यह घटना सामने आने के बाद, एस. सिद्धार्थ ने तुरंत पूर्वी चंपारण के जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को निर्देश दिए कि वे स्वयं जाकर स्कूल की जांच करें। अब यह देखना होगा कि इस मामले में क्या कार्रवाई होती है, खासकर उस शिक्षक के खिलाफ जो स्कूल छोड़कर दुकान पर बैठा था। इस कार्रवाई से यह संदेश साफ हो गया है कि शिक्षा विभाग अब अपनी निगरानी और कड़ी करने जा रहा है, ताकि स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके और शिक्षक अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लें।