द फॉलोअप डेस्क
त्योहारों के मौसम में मिठाइयों और पनीर की मांग बढ़ जाती है, खासकर होली के समय जब मावा से बनी मिठाइयों की डिमांड चरम पर होती है। लेकिन इसी मौके का फायदा उठाकर कुछ दुकानदार मिलावटी मिठाइयां और पनीर बेचने में जुट जाते हैं। पटना में भी इस बार मिलावटी मिठाइयों और पनीर का कारोबार तेजी से बढ़ा है। जहां एक ओर दूध से बने पनीर की कीमत 360 से 400 रुपये प्रति किलो के बीच चल रही है। वहीं, पाउडर से बने पनीर की कीमत महज 160 रुपये किलो तक है।
मिठाई के साथ पनीर में भी मिलावट
बताया गया कि इन मिलावटी उत्पादों का कारोबार सिर्फ मिठाइयों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पनीर में भी मिलावट पाई जा रही है। पटना के फूड सेफ्टी ऑफिसर अजय कुमार के अनुसार, इस बार होली के दौरान पटना और उसके आसपास के कई जिलों में मिलावटी मिठाइयों का कारोबार बढ़ा है। खासकर मनेर, सबलपुर, दानापुर, बिहटा, फतुहा और खुसरुपुर जैसे क्षेत्रों में छापेमारी की गई। इस छापेमारी में लगभग 500 किलो मिलावटी पनीर बरामद किया गया है। पाम ऑयल से होता है तैयार
बता दें कि मिलावटी पनीर में कभी 28% तो कभी 10% फैट पाया जा रहा है, जो FSSAI के मानकों के अनुरूप नहीं है। यही नहीं, पनीर को लो फैट पनीर के नाम पर सील और पैक करके बेचना गलत नहीं है। लेकिन खुले में झूठ बोलकर बेचना कानूनन अपराध है। इसी तरह मिल्क पाउडर से पनीर बनाना पूरी तरह से अवैध है क्योंकि इसमें फैट नहीं होता और उसे मिलाने के लिए घी या पाम ऑयल जैसे हानिकारक फैट्स डाले जाते हैं।
मावा में भी होती है मिलावट
इसी तरह मावा बनाने में भी आलू या शकरकंद जैसा स्टार्च मिलाया जाता है और दूध पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है, जो पूरी तरह से गैरकानूनी है। असल मावा केवल शुद्ध दूध से बनाना चाहिए, न कि किसी मिलावटी पदार्थ से। इस बढ़ती मिलावट के कारोबार को देखते हुए अधिकारियों ने सख्त कदम उठाए हैं। ताकि उपभोक्ताओं को सेहत के लिहाज से नुकसान न पहुंचे और त्योहारों का स्वाद भी खराब न हो।