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हर हाल में राहुल गांधी ही होंगे प्रधानमंत्री चेहरा, राजेश ठाकुर ने कहा-पार्टी इस फैसले पर नहीं करेगी कोई समझौता

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द फॉलोअप डेस्कः
बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को विपक्षी दलों की बैठक होनी है। इस बैठक में यह तय होगा कि विपक्ष कैसे एक साथ होकर वर्तमान में केंद्र की सत्ता पर काबिज मोदी को सत्ता से बेदखल कर सकता है। इसकी अगुवाई बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के नेता नीतीश कुमार कर रहे हैं। उनका साथ आरजेडी भी दे रही है। नीतीश कुमार के आह्वान पर पटना में उनके आवास पर देश के प्रमुख विपक्षी दलों की बैठक होगी। लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ विपक्षी गोलबंद को लेकर 23 जून को आहुत इस बैठक में तकरीबन डेढ़ दर्जन पार्टी प्रमुख तथा कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे। विपक्षी एकजुटता की पहल में कई मसले पर सहमति बनाने का प्रयास किया जाएगा। सीट शेयरिंग का फॉर्मूला के अलावा गठबंधन के नाम और संयोजक पर भी चर्चा होगी। लेकिन इस बैठक से कुछ घंटे पहले ही झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने यह बयान देकर चौका दिया है कि सीट शेयरिंग का फॉर्मूला जो भी हो लेकिन प्रधानमंत्री का चेहरा कॉन्ग्रेस पार्टी से ही होगा और वे राहुल गांधी ही होंगे। 


बिहार के अध्यक्ष ने भी दिया था ऐसा ही बयान 
झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष से पहले बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष ने भी इसी तरीके का बयान मीडिया में दिया था लेकिन दूसरे ही दिन उन्होंने अपना बयान बदलते हुए यह कहा कि आखिरी सूचना बैठक के बाद ही दी जा सकती है। यूं तो सभी दल एक साथ चुनाव लड़ने को लेकर सहमत हैं। तभी यह जुटान हो रहा है। बावजूद इसकी राह में कई अगर मगर लगे हैं नया गठबंधन जो देश स्तर पर बनने की कवायद चल रही है उसमें कई ऐसे मसले हैं जिन पर सहमति बनाने के प्रयास होंगे। पहली बैठक में तीन प्रमुख मुद्दों पर मंथन होगा ।  यह है कि साथ लड़ने पर सहमति, सीटों के बंटवारे का फार्मूला तय तथा न्यूनतम साझा कार्यक्रम दलों और नेताओं की भूमिका पर भी मंथन हो सकता है लेकिन झारखंड में सत्ता में साथ चल रही जेएमएम का भी यह कहना है कि 2024 का फार्मूला क्या होगा। यह बैठक में तय होगा। कोई चेहरा होगा भी नहीं होगा यह  बैठक के बाद पता चलेगा


फिलहाल नहीं है राह आसान 
23 जून की पहली बैठक में अगर कुछ हल निकलता है तो जुलाई में विपक्षी गठबंधन के धरातल पर अपने कार्यक्रमों के साथ दिखने की संभावना है। नीतीश कुमार भाजपा प्रत्याशियों के खिलाफ एक सीट पर विपक्षी गठबंधन का एक प्रत्याशी का फार्मूला 2024 के चुनाव में लगाना चाहते हैं। बैठक में इस फार्मूले को धरातल पर उतारने के लिए एक कमेटी बन सकती है। न्यूनतम साझा कार्यक्रम के लिए भी समिति बन सकती है। विपक्षी गठबंधन में एक समन्वय समिति की पहली बैठक में संभव है। साथ ही इस गठबंधन के संयोजक पर भी फैसले के आसार हैं। इस रेस में नीतीश कुमार सबसे आगे देख रहे हैं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस की नेत्री और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान केजरीवाल की पार्टी आम आदमी का रुख और उड़ीसा के मुख्यमंत्री के बयान के बाद फिलहाल यह राह इतनी आसान नहीं दिख रही। 

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