द फॉलोअप डेस्क
बिहार देश का पहला राज्य बन गया है, जहां राज्य सरकार की ओर से बच्चियों को मुफ्त एचपीवी (ह्यूमन पेपिलोमा वायरस) का टीका दिया जा रहा है। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक भारत को एक विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के सपने को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार ने 9 से 14 वर्ष की एक करोड़ बच्चियों को इस टीके से सुरक्षित करने का लक्ष्य रखा है, और इस अभियान की शुरुआत हो चुकी है।
राज्य के सभी जिलों के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और जिला अस्पतालों में एचपीवी का टीका निशुल्क दिया जा रहा है, जिससे बिहार की बेटियों को सर्वाइकल कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचाया जा सके। शनिवार को गुलमोहर मैत्री संस्था की ओर से नव्या अभियान के तहत मेडिवर्सल अस्पताल में आयोजित एचपीवी टीकाकरण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने अपनी बातें साझा की।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा, "भारत को एक स्वस्थ और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने का सपना तभी पूरा होगा जब हमारे नागरिक, खासकर हमारी बेटियां, स्वस्थ होंगी।" उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में मेडिकल हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट पॉलिसी जल्द ही लागू की जाएगी, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।
मंगल पांडेय ने गुलमोहर मैत्री संस्था की सचिव को इस अभियान के लिए बधाई दी और बताया कि हर 100 महिलाओं में से 17 महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर होता है, लेकिन यह बीमारी पूरी तरह से रोकी जा सकती है। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को सीजीएचएस (केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना) की दर पर ओपीडी और पैथोलॉजी सहित अन्य स्वास्थ्य सेवाओं की शुरुआत करने पर बधाई दी। उनका मानना था कि सरकारी और निजी अस्पतालों को मिलकर काम करना आवश्यक है, ताकि आम जनता को स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ और प्रभावी तरीके से मिल सकें।
इस अवसर पर गुलमोहर मैत्री संस्था की सचिव मंजू सिन्हा, अस्पताल के चिकित्सक और एसबीआई के अधिकारी भी मौजूद थे। इस महत्वपूर्ण कदम से न केवल बिहार की बेटियों को एक बेहतर और सुरक्षित भविष्य मिलेगा, बल्कि यह पूरे देश के लिए एक आदर्श स्थापित करेगा।