द फॉलोअप डेस्क
हर साल बिजली की बढ़ती खपत को ध्यान में रखते हुए 12 नए पावर सबस्टेशन के निर्माण का प्रस्ताव स्वीकृत कर दिया गया है। इनमें पटना सदर में सात, फुलवारीशरीफ, दानापुर, फतुहा और बिहटा में एक-एक पावर सबस्टेशन बनेगा। इन सभी पावर सबस्टेशनों के लिए जमीन भी उपलब्ध हो चुकी है।
पावर सबस्टेशन जीआईएस (गैस इंसूलेटेड) तकनीक पर बनाए जाएंगे और प्रत्येक पावर सबस्टेशन की क्षमता 20 एमवीए (मिलियन वॉट) होगी। इसके निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है और जल्द ही काम की शुरुआत की जाएगी। इन सबस्टेशनों का निर्माण अगले वर्ष अप्रैल तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
यहां बनेंगे पावर सबस्टेशन
• पटना सदर में एससीईआरटी कैंपस, नंदलाल छपरा, संपतचक परसा, कनौजी साहपुर, रानीपुर जल्ला, बिहार विद्यापीठ और न्यू विद्युत भवन परिसर में एक-एक पावर सबस्टेशन बनेगा।
• फुलवारीशरीफ के आईओसीएल रोड सिपारा, दानापुर के उसरी बाजार, डीपीएस मोड़, फतुहा के नारायणा और बिहटा के सरासत में भी एक-एक पावर सबस्टेशन बनेगा।
छह लाख लोगों को मिलेगा फायदा
इन 12 पावर सबस्टेशनों के निर्माण से पटना जिले में बिजली आपूर्ति क्षमता में 192 मेगावाट का इजाफा होगा, जिससे करीब छह लाख लोगों को लाभ मिलेगा। यह कदम खासतौर पर गर्मी के मौसम में बिजली संकट की समस्या को कम करने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा, क्योंकि जिस इलाके में ये पावर सबस्टेशन बनाए जाएंगे, वहां लोड बढ़ता जा रहा है।
चार और पावर सबस्टेशनों का प्रस्ताव
इसके अलावा, चार और पावर सबस्टेशनों का निर्माण प्रस्तावित है, जिनमें बख्तियारपुर के मझौली, पटना सदर के बरमुत्ता पहाड़ी, फुलवारीशरीफ और नौबतपुर के गोपालपुर में एक-एक पावर सबस्टेशन बनाया जाएगा। प्रत्येक सबस्टेशन की आपूर्ति क्षमता 20-20 एमवीए होगी। बिजली कंपनी ने इसके लिए केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी आरईसी लिमिटेड को स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजा है। स्वीकृति मिलने के बाद 12 महीने में इन पावर सबस्टेशनों का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा। इन सभी पावर सबस्टेशनों के लिए मझौली, बरमुत्ता पहाड़ी और गोपालपुर की जमीन पहले ही उपलब्ध हो चुकी है, जबकि फुलवारीशरीफ के सिमरा पावर सबस्टेशन के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है।