द फॉलोअप डेस्कः
गुजरात की एक फैक्ट्री में सुपरवाइजर का काम करने वाली 18 वर्षीय प्रगति रतीलाल थहर और बिहार के नालंदा के सूरज पासवान की प्रेम कहानी ने लोगों के दिलों में एक खास जगह बना ली। प्रगति जहां फैक्ट्री में एक सुपरवाइजर थी, वहीं सूरज वर्कर के रूप में काम करता था। एक दिन दोनों की नजरें मिलीं और वह एक पल का जादू था, जिससे उनकी ज़िंदगी का रास्ता बदल गया। धीरे-धीरे, दोनों के बीच बातचीत बढ़ी और फिर प्यार ने अपनी पूरी जगह बना ली।
लेकिन इस रास्ते में एक बड़ी चुनौती थी – प्रगति के परिवार की असहमति। परिवार के विरोध के बावजूद, प्रगति ने अपने दिल की सुनने का फैसला किया और समाज तथा परिवार की परवाह किए बिना सूरज को अपना जीवनसाथी बनाने की ठानी। अपने परिवार को छोड़कर, वह सूरज के साथ एक नई शुरुआत करने के लिए बिहार के चक दिलावर गांव पहुंची, जहां सूरज के परिवार ने उसे दिल से अपनाया।
उनकी प्रेम कहानी को नया मोड़ तब मिला जब दोनों ने बिहार शरीफ के सूर्य मंदिर में एक-दूसरे के साथ जीवन बिताने का संकल्प लिया। इसके बाद, उन्होंने कोर्ट में जाकर अपनी शादी को कानूनी रूप से मान्यता भी दिलवाई। सूरज के पिता ने भी उन्हें अपने दिल से स्वीकार किया और यह वादा किया कि उन्हें कभी कोई परेशानी नहीं होने देंगे। आज, दोनों खुशी-खुशी अपने नए जीवन की शुरुआत कर चुके हैं, जहां हर दिन उनके प्यार की नई कहानी बन रही है। यह कहानी है सच्चे प्यार की, जो हर चुनौती से बड़ा है, और जो दिलों से जुड़ा हो, वह कभी टूटता नहीं।