द फॉलोअप डेस्क
बिहार के मिथिला क्षेत्र का प्रसिद्ध मखाना अब इतिहास में अपनी खास जगह बनाने जा रहा है। डाक विभाग ने इस पर एक विशेष आवरण तैयार करने का प्रस्ताव भेजा है। इसे जल्द ही स्वीकृति मिल जाने की उम्मीद है। मखाना को अब GI टैग मिल चुका है, यह न केवल बिहार और मिथिला क्षेत्र बल्कि मखाना उत्पादक अन्य जिलों के लिए भी गर्व का विषय बन जाएगा। इस विशेष आवरण के जारी होने से लोग मखाना की पहचान को संजोकर रख सकेंगे। बढ़ेगी मखाना की अहमियत
दरअसल, डाक विभाग के नियमों के अनुसार किसी विशिष्ट उत्पाद पर विशेष आवरण जारी किया जाता है। ऐसा तब किया जाता है जब वह उत्पाद किसी राज्य या इलाके के लिए पहचान बन जाए। मखाना, जो पहले मिथिला क्षेत्र तक सीमित था। अब इसका बिहार के विभिन्न जिलों में भी बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा रहा है। मखाना पर विशेष आवरण जारी होने से इसे राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी और देशभर में इसकी अहमियत बढ़ेगी।किसानों को मिलेगा लाभ
बताया जा रहा है कि मखाना उत्पादक किसानों को इसका पूरा लाभ अभी तक नहीं मिल पाया है। लेकिन डाक विभाग द्वारा इसे मान्यता मिलने के बाद यह उत्पाद न केवल देशभर में प्रसिद्ध होगा, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी पहचान होगी। हाल ही में, 15 जनवरी को बिहार के बेगूसराय जिले में बरौनी रिफाइनरी के 60 वर्ष पूरे होने के मौके पर भी विशेष डाक टिकट जारी किया गया था। यह डाक विभाग की ओर से क्षेत्रीय उत्पादों को बढ़ावा देने के प्रयासों का हिस्सा है।
अधिकारी ने क्या बताया
वहीं, इसे लेकर पूर्वी प्रक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल मनोज कुमार ने बताया कि मिथिला की पहचान मखाना को GI टैग मिला है। डाक विभाग की ओर से इस पर विशेष आवरण जारी करने को लेकर प्रस्ताव भेजा गया है। जल्द ही इसपर निर्णय लिया जाएगा।