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अप्रैल में बिहार आ रहे हैं राहुल गांधी, कन्हैया कुमार के साथ इस कार्यक्रम में होंगे शामिल 

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द फॉलोअप डेस्क 

बिहार में 2025 विधानसभा चुनाव को लेकर बड़े नेताओं का दौरा तेज़ हो गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी बिहार आ रहे हैं। इन नेताओं के दौरे से राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है, और आगामी चुनाव को लेकर सियासी बयानबाजी तेज़ हो गई है।
राहुल गांधी का पटना दौरा और सम्मेलन में शिरकत
राहुल गांधी 7 अप्रैल को पटना आ रहे हैं, जहां वे संविधान सुरक्षा सम्मेलन में शिरकत करेंगे। इसके बाद, राहुल गांधी एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार की 'पलायन रोको, नौकरी दो' यात्रा में भी शामिल हो सकते हैं। राहुल गांधी का यह बिहार का तीसरा दौरा होगा, इससे पहले वे 18 जनवरी और 5 फरवरी को भी बिहार आ चुके हैं।
अमित शाह और पीएम मोदी के दौरे की तारीखें
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 29 मार्च को बिहार दौरे पर आएंगे, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 अप्रैल को बिहार में होंगे। इन दौरों के दौरान वे राज्य की राजनीतिक स्थिति का जायजा लेंगे और पार्टी के समर्थकों को संबोधित करेंगे।
कांग्रेस की रणनीति और पार्टी के दृष्टिकोण
कांग्रेस पार्टी के प्रभारी सचिव सुशील कुमार पासी ने सदाकत आश्रम में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए बताया कि राहुल गांधी पटना में नमक सत्याग्रह आंदोलन की याद दिलाने के लिए कृष्ण मेमोरियल हॉल में एक कार्यक्रम में भाग लेंगे। इसके साथ ही, कांग्रेस ने राज्य में हर घर कांग्रेस का झंडा लगाने की योजना बनाई है। प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार ने इस पहल की जानकारी दी और लोगों से कांग्रेस का झंडा अपने घरों और वाहनों पर लगाने की अपील की।
कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने वक्फ आंदोलन को कांग्रेस का समर्थन देने की बात की। वहीं, कांग्रेस ने बिहार में पार्टी को जिला स्तर तक मजबूत करने के लिए बैठकें की हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी की मौजूदगी में सार्थक मीटिंग हुई थी।
कांग्रेस की नई रणनीति
कांग्रेस पार्टी के अंदरखाने चर्चा है कि राज्य में अब वह राजद की बी टीम नहीं बनेगी। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी हाल ही में खुलकर कहा था कि राज्य में राजद की ताकत कांग्रेस से ज्यादा है, लेकिन कांग्रेस अब बूथ स्तर तक पहुंचकर अपनी शक्ति बढ़ाने का लक्ष्य बना रही है। कांग्रेस ने हाल ही में प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष दोनों को बदल दिया है, जिससे पार्टी अपनी स्थिति मजबूत करने की योजना बना रही है।
राजद की इफ्तार पार्टी में भी कांग्रेस के बड़े नेता शामिल नहीं हुए थे, जिसे लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हैं। अब कांग्रेस बिहार में अपनी पहचान और वजूद को बनाए रखने की रणनीति पर काम कर रही है।
 

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