गांधी जी द्वारा राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था के विकेंद्रीकरण और मशीनों के नकार का आग्रह अनायास नहीं था। उनकी यह दृढ़ मान्यता थी कि लोकतंत्र मशीनों यानी कि प्रौद्योगिकी एवं उत्पादन के केंद्रीकृत विशाल संसाधनों यानी कि उद्योग का दास होता है। गांधी जी यह जानते
'किसी को समय बडा बनाता है और कोई समय को बडा बना देता है।कुछ लोग समय का सही मूल्यांकन करते हैंऔर कुछ लोग आने वाले समय का पूर्वाभास पा जाते हैं। कुछ लोग अतीत को परत दर परत तोड़कर उसमें वर्तमान के लिए ऊर्जा एकत्र करते हैं और कुछ लोग वर्तमान की समस्याओं से घबर
अहिंसा का प्रयोग गांधी का महत्वपूर्ण संदेश है। हिंसावादियों और अराजकता समर्थकों को आश्वस्त नहीं कर पाने की नाकामी से खिन्न गांधी ने अहिंसा की थ्योरी पर अमल करना सिखाया। गांधी की तयशुदा सलाह थी राज्य-शक्ति हिंसा का हथियार ही है। यह अलग बात है कि भारत पाक व
गांधी जिस तरह का भारत चाहते थे उससे लीग, संघ, वामपक्ष, मूल निवासी राजनीति आदि को खत्म हो जाने या अप्रासंगिक हो जाने का खतरा था। इसलिए ये लोग उनका विरोध करते थे और अंततः संघी लोगों ने उनकी हत्या ही कर दी। इस तथ्य के बावजूद कि हिन्दू धर्म को उन्होंने जिस त
भारत अपनी आत्मतुष्टि, बल्कि आत्मपुष्टि में इतना स्वाभिमानी रहा है कि अपने विचारों को न तो किसी अन्य मजहब पर लादना चाहता रहा है और न ही उनके विचारों के प्रचार प्रसार में भौतिक प्रतिरोध उत्पन्न करता रहा है। यदि अन्य मजहब के विचार भारतीय मनीषा में स्वानुभूत
'गांधीजी अगर 1915-16 में भारत न आने का फैसला करके द. अफ्रीका में अपने फीनिक्स आश्रम में ही रह जाते तब??...सबसे बड़ा अंतर यह पड़ सकता था कि भारत का आम आदमी आज़ादी की लड़ाई से इतना नज़दीकी न बना पाता, लड़ाई सभा-गोष्ठियों तक सीमित रहती।
'हिंदू धर्म किसी एक धार्मिक ग्रंथ या पैगंबर के कारण उद्भूत नहीं हुआ है। यदि ऐसा होता तो हिंदू धर्म एक तालाब का प्रतीक हो जाता। उसकी सरहदों से बाहर जाने की सुविधाएं नहीं होतीं और न ही नदियां उसमें आकर मिल सकतीं।
'रांची विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विभाग के 2018-20 बैच के गोल्ड मेडलिस्ट सौरव मुंडा अपनी पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद की गुहार लगा रहे है। सौरव बुंडु के रहने वाले हैं। इसी साल उनका नामांकन देश में फिल्म-मेकिंग के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान फिल्म एंड टेलीविजन इं
'विवेकानन्द ने झल्लाकर कहा मारवाड़ी व्यापारियों से तुम्हें गायों की रक्षा के नाम पर धन मिलता है। तुम्हें मालूम है कि मध्य भारत भयंकर अकाल की चपेट में है।
''मेरे पास केवल एक यही एक साड़ी है जो मैंने पहन रखी है। आप ही बताओ, मैं कैसे इसे साफ करूं और इसे साफ करने के बाद मैं क्या पहनूंगी? आप महात्मा जी से कहो कि मुझे दूसरी साड़ी दिलवा दे ताकि मैं हर रोज इसे धो सकूं।"
पीएम मोदी अभी लौटे हैं, और अमेरिका अगले माह विदेश राज्यमंत्री विंडी शेरमन को दिल्ली भेज रहा है।
स्वामी विवेकानन्द पहले ऐसे विचारक हैं जिन्होंने बेलाग निश्चयात्मक भाषा में कहा था कि भविष्य में पहला शूद्र अर्थात् सर्वहारा राज्य रूस में स्थापित होगा।