द फॉलोअप डेस्कः
दो महीने पहले सुअर की किडनी लगावकर चर्चा में आने वाले 62 साल के रिचर्ड स्लेमैन की मौत हो गई है। उनके परिवार ने कहा है कि यह नहीं पता कि मौत किस कारण से हुई है। वहीं जिस अस्पताल में उनकी किडनी ट्रांसप्लांट की गई थी उसका कहना है कि ट्रांसप्लांट संबंधित किसी कारण से उनकी जान नहीं गई है। बता दें कि मैसाचुसेट्स के जनरल हॉस्पिटल में उनकी चार घंटे की सर्जरी की गई थी और फिर सफलतापूर्वक सूअर की जेनेटिकली मोडिफाइड किडनी प्रत्यारोपित कर दी गई थी।
पहले भी करवा चुके हैं किडनी टांसप्लांट
अस्पताल ने कहा उनमें कोई ऐसे लक्षण नहीं दिखाई दिए जिससे कहा जा सके कि उनका ट्रांसप्लांट सफल नहीं हुआ बता दें कि स्लेमैन पहले से ही टाइप टू डाइबिटीज और हाइपरटेंशन से जूझ रहे थे। कई सालों तक उन्होंने डाइलिसिस करवाया। दिसंबर 2018 में उन्होंने पहली बार मानव किडनी ट्रांसप्लांट करवाई थी। यह सर्जरी भी इसी अस्पताल में हुई थी। लेकिन उस किडनी ने पांच साल में ही जवाब दे दिया। 2023 में उनका फिर से डायलिसिस होने लगा। इससे उनके जीवन पर काफी बुरा असर पड़ रहा था।
मेडिकल साइंस के विकास में दिया योगदान
अस्पताल के बयान में कहा गया, स्लेमैन को हमेशा याद रखा जाएगा क्योंकि उन्होंने मेडिकल साइंस के विकास में भी योगदान दिया है। वह बेहद सरल और दयालु इंसान थे। बता दें कि स्लेमैन के शरीर में प्रत्यारोपित किडनी को कैंब्रिज फार्मा कंपनी से इ जेनेसिस की प्रक्रिया से तैयार किया गया था। सीआरआईएसपीएर कैस9 प्रक्रिया के तहत सूअर से किडनी निकाली गई थी और मोडिफाई की गई थी। इसमें पिग के जीन्स निकाले गए थे और कुछ मानव जीन्स डाल दिए गए थे। इस सर्जरी के बाद स्लेमैन के परिवार के लोग भी बेहद खुश थे और उन्होंने अस्पताल को शुक्रिया किया। उनके परिवार ने कहा कि स्लेमैने ने दोबारा ट्रांसप्लांट इसीलिए करवाया कि इस बीमारी से जूझ रहे हजारों लोगों को नया रास्ता मिल जाए और लोगों की जान बच जाए।