रांची
सीयूजे (Central University of Jharkhand) और नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ (एनयूएसआरएल), रांची के बीच शिक्षा और शोध पर एक समझौता (एमओयू) हुआ है। इस समझौते से दोनों विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और शिक्षकों को एनईपी-2020 के तहत लाभ मिलेगा, जैसा कि सीयूजे के कुलपति, प्रो. क्षिति भूषण दास ने कहा। उन्होंने खुशी जताते हुए कहा कि यह समझौता दोनों विश्वविद्यालयों के बीच शिक्षा और शोध के क्षेत्र में साझेदारी को और मजबूत करेगा। एनयूएसआरएल के कुलपति प्रो. अशोक आर. पाटिल ने भी इस साझा प्रयास पर हर्ष व्यक्त किया और राज्य के विद्यार्थियों के लिए एनईपी-2020 के सफल क्रियान्वयन पर मिलकर काम करने का विश्वास जताया।
इस समझौते के तहत, दोनों विश्वविद्यालय मिलकर एनईपी-2020 के संपूर्ण क्रियान्वयन पर कार्य करेंगे। इसमें दोनों विश्वविद्यालय के शिक्षक अपने शोध-आधारित विशिष्ट ज्ञान को साझा करेंगे। इसके अलावा, दोनों विश्वविद्यालय के शिक्षक विद्यार्थियों के लाभ के लिए विश्वविद्यालयों के बाहर जाकर व्याख्यान और विशिष्ट विषय आधारित पेपर पढ़ाएंगे। दोनों विश्वविद्यालय साझा शोध, इंटर्नशिप, सेमिनार, कांफ्रेंस और वर्कशॉप भी आयोजित करेंगे। यह समझौता झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, एमएस रामचंद्र राव, जस्टिस संजय प्रसाद और झारखंड के एडवोकेट जनरल, राजीव रंजन की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ। सीयूजे की तरफ से कुलसचिव के कोसल राव और डीन- शोध एवं विकास प्रो. अरुण कुमार पाढ़ी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।