रांची
नामकुम स्थित लोक स्वास्थ्य संस्थान (IPH) सभागार में बुधवार को आयोजित बैठक में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने स्पष्ट किया कि दवाओं के क्षेत्र में किसी भी तरह का फर्जीवाड़ा अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, "दवा एक अति आवश्यक और संवेदनशील सामग्री है। इसके गलत या नकली उपयोग से मरीज की जान खतरे में पड़ सकती है, और उपचार भी प्रभावी नहीं होता।" स्वास्थ्य मंत्री ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि दवाओं की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए और जनता को गुणवत्ता वाली दवाएं सुलभ रूप से उपलब्ध कराई जाएं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को ठोस कार्ययोजना तैयार करने का आदेश दिया गया है।
फर्जी दवा कंपनियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई के निर्देश
बैठक में यह जानकारी सामने आई कि राज्य में कुछ फर्जी दवा कंपनियां सक्रिय हैं। इस पर गंभीर चिंता जताते हुए डॉ. अंसारी ने अधिकारियों को त्वरित जांच और छापेमारी करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि नकली दवाओं का कारोबार एक संगठित अपराध की तरह है, जिस पर कठोर कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता है।
सभी मेडिकल स्टोर्स की दवाएं एक क्लिक पर
मंत्री ने तकनीकी पहलुओं पर भी जोर देते हुए कहा कि एक ऐसी डिजिटल प्रणाली विकसित की जाए जिससे राज्यभर के मेडिकल स्टोर्स में उपलब्ध दवाओं की जानकारी एक क्लिक पर मिल सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बिना चिकित्सक की लिखित पर्ची के प्रतिबंधित दवाएं या कफ सिरप बेचना कानूनन अपराध है, और इस पर सख्ती से अमल हो। सभी जिलों के ड्रग इंस्पेक्टरों को निर्देशित किया गया कि वे नियमित रूप से दवा दुकानों का निरीक्षण करें और दवाओं की गुणवत्ता व स्टॉक की जांच सुनिश्चित करें। यदि किसी दुकान में अनियमितता पाई जाती है, तो संबंधित दुकानदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, लापरवाही बरतने वाले औषधि निरीक्षकों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
कार्यों की समीक्षा और अगली बैठक की तैयारी
बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने औषधि निरीक्षकों से अब तक की गई कार्रवाइयों, छापेमारी और निरीक्षण रिपोर्ट की जानकारी ली। उन्होंने सभी अधिकारियों को अगले एक सप्ताह के भीतर अद्यतन प्रगति प्रतिवेदन के साथ पुनः समीक्षा बैठक में उपस्थित होने का निर्देश दिया। डॉ. अंसारी ने औषधि निदेशक रितु सहाय से यह जानकारी भी ली कि राज्य में किन-किन आवश्यक दवाओं की उपलब्धता है और उन पर सरकार का नियंत्रण किस प्रकार है। इसके साथ ही, दवाओं की गुणवत्ता परीक्षण प्रक्रिया की भी विस्तृत जानकारी मांगी गई।
बैठक में प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं निदेशक डॉ. चंद्र किशोर शाही, औषधि निदेशक रितु सहाय, संयुक्त निदेशक सुमन तिवारी सहित सभी जिलों के औषधि निरीक्षक और अन्य अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला और मानव संसाधन की स्थिति की भी विस्तार से समीक्षा की गई।