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गुइलेन-बैरे सिंड्रोम का एक और संदिग्ध मामला, 7 साल की बच्ची को रिम्स में किया गया भर्ती 

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द फॉलोअप डेस्क 
झारखंड में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) का एक और संदिग्ध मामला सामने आया है। कोडरमा की 7 साल की बच्ची को गंभीर हालत में रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बच्ची का इलाज पीडियाट्रिक वार्ड में डॉ. सुनंदा झा की देखरेख में चल रहा है।

मुंबई से लौटने के बाद बिगड़ी हालत
परिजनों के अनुसार, बच्ची कुछ दिन पहले अपने परिवार के साथ मुंबई गई थी, जहां वह बीमार पड़ गई। वहां उसका इलाज भी कराया गया, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ। वापस लौटने के बाद उसकी तबीयत और बिगड़ गई, जिसके बाद उसे अस्पताल लाया गया।

आयुष्मान योजना में भर्ती न होने से हुई परेशानी
बच्ची को पहले एक निजी अस्पताल में भर्ती कराने की कोशिश की गई, लेकिन राशन कार्ड न होने की वजह से उसे आयुष्मान योजना के तहत भर्ती नहीं किया गया। बाद में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मदद से उसे रिम्स में भर्ती किया गया। शिशु वार्ड में वेंटिलेटर बेड उपलब्ध न होने के कारण उसे दूसरे विभाग में शिफ्ट कर इलाज शुरू किया गया।

एक और बच्ची अस्पताल में भर्ती
जानकारी हो कि बूटी मोड़ स्थित बालपन अस्पताल में भी गुइलेन-बैरे सिंड्रोम की एक संदिग्ध मरीज भर्ती है। साढ़े 5 साल की इस बच्ची की हालत गंभीर बनी हुई है और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। रिम्स की एक टीम शुक्रवार को बालपन अस्पताल पहुंची और इलाज कर रहे डॉक्टरों से चर्चा कर जरूरी निर्देश दिए। 

रिम्स में विशेष इंतजाम
रिम्स के निदेशक डॉ. राजकुमार ने बताया कि गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के मरीजों के लिए अलग से बेड और वेंटिलेटर की व्यवस्था कर दी गई है। अस्पताल में इस बीमारी की जांच की सुविधा उपलब्ध है, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री भी इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं और उनके निर्देशों का पालन किया जा रहा है।

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