द फॉलोअप डेस्क
राज्य खाद्य सुरक्षा आयुक्त सह स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने त्योहारों के समय फूड इंस्पेक्टर द्वारा की जा रही लापरवाही को देखते हुए रांची, जमशेदपुर, धनबाद सहित राज्य के 21 फूड इंस्पेक्टर व ACMO से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया है। वहीं, इन सभी से एक सप्ताह के अंदर जवाब देने को कहा गया है।
एजेंट के माध्यम से करते हैं वसूली
बता दें, इन सभी के खिलाफ कई सालों से विभाग के पास शिकायतें आ रही थीं, जिसमें इन लोगों पर कई गंभीर आरोप भी लगे हैं। मामले की जानकारी देते हुए उप खाद्य सुरक्षा आयुक्त सुमंत कुमार तिवारी ने बताया कि ये फूड इंस्पेक्टर न सैंपल को सही तरीके से जांच के लिए भेजते हैं, न ही कभी इनकी रिपोर्ट मिलती है।
करीब पिछले 6 सालों से इन लोगों ने विभाग का नाम बदनाम कर रखा है। इन सभी के विरूद्ध हर जगह से अपने एजेंट के जरिए वसूली करने की शिकायत मिलती रही है। इन सभी पर विभागीय कार्रवाई के लिए अनुशंसा की गई है।
कैसे होती है वसूली
इस मामले में सुमंत तिवारी ने कहा कि शिकायत मिलने के बाद भी ये फूड इंस्पेक्टर अपनी जिम्मेदारियां नहीं निभाते हैं और अपने डाटा ऑपरेटरों के माध्यम से वसूली करवाते हैं। जबकि इनका काम सैंपल जमाकर जांच की रिपोर्ट पर कार्रवाई करना है। लेकिन आज तक इनकी ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
ये सभी फूड इंस्पेक्टर बड़ी दुकानों और स्टोरेज में जाकर सैंपल नहीं लेते हैं। बल्कि ये लोग छोटे-छोटे या कुछ होटलों में जाकर सैंपल जमा करते हैं, जिसकी जांच हमेशा सही पाई जाती है। इन सभी लोगों पर यह भी आरोप लगाया गया है कि ये सैंपल लेने के लिए पैसों की भी मांग करते हैं।
सुमंत तिवारी ने कहा कि अब इस तरह के धंधे को आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा। लोगों के हित के लिए सैंपल की जांच सही तरीके से होगी। गलत पाए जाने वाले विक्रेताओं पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।रांची ACMO की भूमिका है संदिग्ध
इस दौरान बताया गया कि मामले में विभाग ने रांची ACMO डॉ खेतान की भूमिका पर भी संदेह जाहिर किया है। विभाग का कहना है कि उक्त मामले को लेकर डॉ खेतान की ओर से कोई सक्रियता नहीं दिखाई देती, वे सिर्फ नाम के ही पद पर काबिज हैं। जबकि पूरे शहर में मिलावट का धंधा जोरों से चल रहा है।