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बिहार में बाढ़ का संकट : खतरे के निशान से ऊपर बह रही है नादियां, महानंदा और बागमती नदी का रौद्र रूप

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पटना:
बिहार में मानसून के प्रवेश होते ही बाढ़ का संकट एक बार फिर गहराता जा रहा है। राज्य के कटिहार जिले में बाढ़ जैसी स्थिति बनती दिख रही है।लगातार बारिश और गंगा, कोसी सहित तमाम नदियों में आए उफान से बिहार में बाढ़ जैसी स्थिति बन रही है।महानंदा नदी के जलस्तर में हर घंटे 2 सेंटीमीटर की वृद्धि हो रही है।कहा जा रहा है कि अगर जलस्तर में ऐसी ही वृद्धि होती रही तो अगले 48 घंटे में हालत बेकाबू हो सकते हैं।आजमनगर में महानंदा नदी निशान से 44 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। वहीं बढ़ते जलस्तर को देखकर लोग ऊंची जगहों पर जा रहे हैं।


 
आवागमन पूरे तरीके से ठप
लगातार बढ़ते जलस्तर से तटबंध पर भी दबाव बढ़ रहा है। बुधवार को आजमनगर प्रखंड के बैरिया गांव, शिव मंदिर टोला इमाम नगर, कन्हैरिया, रतनपुर, बेलंदा और बेल्लारी व प्राणपुर प्रखंड में ग्रामदेवती और गजहर गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है। प्रखंड के कई इलाके और गांव टापू बन गए हैं। वहीं सड़कों पर पानी आ जाने के कारण आवागमन पूरी तरीके से ठप हो चुका है।

 

पानी में विलीन हुई सड़क
किशनगंज जिले के पौआखाली नगर पंचायत के तेलीभिट्ठा में प्राथमिक विद्यालय और मिरभिट्ठा, सिमलबाड़ी आदि में कनकई नदी से लगतार कटाव हो रहा है। सीओ ने कहा कि पूरा विद्यालय कटाव की जद में आ गया है। प्रशासन इसे रोकने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है। वहीं अररिरया के पलावी में रतवा नदी के जलस्तर ने प्रशासन की पोल कर रख दी है। हलकी सी बारिश से ही 300 फिट की सड़क पानी में विलीन हो गयी है। 

बागमती नदी का रौद्र रूप
खगड़िया की बागमती नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। बुधवार को बागबती नदी खतरे के निशान 35.63 मीटर को पार कर दो सेमी ऊपर 35.65 पर बहने लगी। बागमती नदी के जलस्तर में बीते 24 घंटे के दौरान 6 सेमी की वृद्धि हुई है। जबकि कोसी नदी का जलस्तर खतरे के निशान 33.85 मीटर से 45 सेंटीमीटर नीचे 33.40 पर बह रही है।