रांची
भाजपा के प्रदेश महामंत्री और राज्यसभा सांसद डॉ. प्रदीप वर्मा ने जातिगत जनगणना कराने के फैसले का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार के प्रति झारखंड की जनता की ओर से आभार जताया है। उन्होंने इसे 2047 तक "विकसित भारत" के लक्ष्य की दिशा में एक निर्णायक कदम बताया।
प्रेसवार्ता में बोलते हुए डॉ. वर्मा ने कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि आज जो जातिगत जनगणना की बात कर रहे हैं, वही कांग्रेस अपने 60 वर्षों के शासन में इसे कभी पूरा नहीं कर सकी। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार मोदी सरकार ने आम जनगणना के साथ-साथ जातिगत जनगणना कराने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की नीति और नीयत आदिवासी, दलित और पिछड़ा वर्ग विरोधी रही है। "कांग्रेस ने न तो काका कालेलकर समिति की रिपोर्ट को लागू किया और न ही पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया," डॉ. वर्मा ने कहा। उन्होंने याद दिलाया कि मंडल आयोग का गठन 1977 में जनता पार्टी सरकार (जिसमें जनसंघ भी शामिल था) ने किया था और उसे लागू करने का श्रेय भाजपा समर्थित वी.पी. सिंह सरकार को जाता है।
झारखंड सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पिछले छह वर्षों से कांग्रेस समर्थित हेमंत सरकार ने पंचायत चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण से वंचित रखा और अब तक ट्रिपल टेस्ट नहीं कराया, जिसके चलते निकाय चुनाव लंबित हैं।
उन्होंने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर को भारत रत्न से वंचित रखने और दिल्ली में उन्हें "दो गज ज़मीन" न देने जैसे ऐतिहासिक तथ्यों से कांग्रेस की सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता पर सवाल उठते हैं। डॉ. वर्मा ने कहा कि मोदी सरकार सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की नीति पर चलते हुए वंचित वर्गों को हक और अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रेसवार्ता में भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक और प्रदेश प्रवक्ता अजय साह भी उपस्थित रहे।