रांची
मदर्स डे और थैलेसीमिया दिवस के अवसर पर "लहू बोलेगा" रक्तदान संगठन द्वारा सत्य भारती सभागार, डॉ. कामिल बुल्के पथ, रांची में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। "THANK YOU UNCLE" शीर्षक वाले इस आयोजन में थैलेसीमिया और सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित बच्चों ने नियमित रक्तदाताओं का सम्मान किया। कार्यक्रम में 15 से अधिक बार रक्तदान कर चुके पत्रकार एवं रांची प्रेस क्लब के निर्वाचित पदाधिकारी सौरभ शुक्ला, पत्रकार आदिल हसन, फोटो जर्नलिस्ट संदीप नाग, मेहर खालसा के हर्षवर्धन, और सामाजिक कार्यकर्ता साजिद उमर को पुष्प और मैडल पहनाकर सम्मानित किया गया।
मरीजों और उनके परिजनों में चंद्रशेखर अहीर (5 वर्ष), चंदन अहीर (10 वर्ष), हर्ष प्रतिक (2 वर्ष), शीतल कुमारी (17 वर्ष), अभय कुमार (14 वर्ष), सोनम कुमारी (13 वर्ष), मृतक थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे के पिता बजरंगी (हॉकर), समरूद्दीन खान (47 वर्ष) और उनके परिजन मौजूद रहे।
चितरपुर (रामगढ़), राहे (रांची) सहित राज्य के अन्य जिलों और पश्चिम बंगाल के पुरुलिया, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ व बिहार से भी मरीज और उनके परिजन कार्यक्रम में पहुंचे। उन्होंने ब्लड डोनेशन की अनियमितता, डोनर की कमी, सरकारी ब्लड बैंक की उदासीनता और लगातार बढ़ रही पीड़ितों की संख्या पर चिंता जताई। बताया गया कि सिर्फ रांची में 1240 पंजीकृत मरीज हैं, पर पूरे झारखंड में एक ही डॉक्टर और एक "डे केयर" केंद्र उपलब्ध है।
मुख्य अतिथि झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष शमशेर आलम को "लहू बोलेगा" द्वारा पुष्प और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। उन्होंने संगठन की 8 वर्षों की सामाजिक सेवा की सराहना की और मदद का भरोसा दिलाया।
संगठन की ओर से यह मांग भी रखी गई कि झारखंड सरकार थैलेसीमिया-सिकल सेल पीड़ितों की समस्याओं को प्राथमिकता से ले और इलाज-सुविधा, रक्त की उपलब्धता व जागरूकता अभियानों को व्यापक किया जाए। इस संबंध में जल्द ही संगठन का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी से भी मिलेगा।
कार्यक्रम में "लहू बोलेगा" से नदीम खान, मो. फहीम, अकरम राशिद, असफर खान, साजिद उमर, मेहर खालसा के हर्षवर्धन सहित मरीजों के परिजनों सुरेश अहीर, समरूद्दीन खान, रामवृक्ष महतो, पिंकी देवी, धीरेंद्र प्रसाद, बजरंग भुईया, राजेंद्र प्रजापति आदि की उपस्थिति रही। सभी प्रतिभागियों को चॉकलेट, बिस्किट, पानी, पुष्प, "रक्तदान क्यों करें" पर्चा और एक कीरिंग भेंट स्वरूप दिया गया।