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Ranchi : BJP से पूछिए झारखंड के पिछड़ेपन का कारण, उन्होंने राज्य को चारागाह बना दिया- हेमंत सोरेन

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डेस्क: 

दिल्ली में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमतं सोरेन ने कहा कि झारखंड भौगोलिक और राजनीतिक रूप से अलग किस्म की प्रकृति वाला राज्य है। सीएम ने कहा कि झारखंड खनिज संपदा से परिपूर्ण एक आदिवासी बहुल राज्य है। जंगल और पहाड़ से सुसज्जित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिसे देश के सर्वोच्च राज्यों की श्रेणी में होना चाहिए था वो सबसे निचले पायदान पर है। सीएम ने कहा झारखंड के पिछड़ेपन के कारण उन लोगों से पूछना चाहिए जिन्होंने राज्य गठन के बाद 20 साल यहां शासन किया। 

उद्योग लगे लेकिन झारखंडी विस्थापित हो गया! 
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी से भी पहले से झारखंड में खनिज संपदा का खनन होता आया है। देश के बड़े-बड़े उद्योग यहां लगे हैं। उद्योग लगे और यहां के आदिवासी, दलित और पिछड़ों का विस्थापन हो गया। आज आपको झारखंड के आदिवासी आसाम में मिलेंगे। बंगाल के चाय बागान में मिलेंगे। बेंगलुरु के टी-गार्डन्स में मिलेंगे। भारत सरकार के उपक्रम बीआरओ में भी झारखंड के विस्थापित आदिवासी काम करते दिख जाएंगे। सीएम ने सवालिया लहजे में कहा कि क्या झारखंड में 20 साल तक शासन करने वाली बीजेपी की डबल इंजन की सरकार ने विस्थापितों की सुध ली। 

झारखंड में लोगों को दो जून की रोटी नसीब नहीं
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि जिस राज्य के संसाधन से पूरा देश फल-फूल रहा है वहां के लोगों को दो जून की रोटी ठीक से नसीब नहीं हो पाती। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद इस पर रिसर्च किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के पिछड़ेपन का कारण यहां की जनता नहीं है बल्कि यहां शासन करने वाले लोग हैं जिन्होंने 20 सालों में राज्य को चारागाह बना दिया। 

बीजेपी ने झारखंड से ही आर्थिक संसाधन इकट्ठा किया
बीजेपी पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि इन लोगों ने पूरी ताकत इकट्ठा झारखंड से इकट्ठा की है। आर्थिक संसाधन इकट्ठा किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने आजादी के बाद से अब तक का हिसाब लगाया। झारखंड का केंद्र सरकार पर 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये बकाया है। हमने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि बकाया का भुगतान किया जाये।

ऑफिस ऑफ प्रॉफिट को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि ये हास्यास्पद बात है कि मुख्यमंत्री 80 डिसिमिल में स्टोन चिप्स का घोटाला करेगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी को आदिवासी मुख्यमंत्री बर्दाश्त नहीं हो रहा। हम लोग जंगल से निकलकर सड़क पर आये हैं। हमें कानून, अदालत औऱ जज समझ में नहीं आता। मैं सत्ता में जनता के बहुमत से चुनकर आया हूं। यहां से मुझे कोई तब तक नहीं डिगा सकता जब तक जनता ना चाहे। 

गठबंधन कार्यकाल में एक भी आंदोलन नहीं हुआ! 
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के पांच साल कार्यकाल में अनुबंधकर्मी, स्वास्थ्य कर्मी और पारा शिक्षक हमेशा आंदोलनरत रहते थे लेकिन अब ऐसा नहीं होता। हमने जनआकंक्षाओं को पूरा करने का भरसक प्रयास किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक भूमिपुत्र की झारखंड की तस्वीर बदल सकता है। बीजेपी की कुत्सित मंशा कभी पूरी नहीं होगी।